व्हाइट हाउस पावर सर्कल में भारतीयों नामों की अच्छी-खासी मौजूदगी

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न्यूयॉर्क, 18 जनवरी (आईएएनएस)। कमला देवी हैरिस, विवेक मूर्ति, गौतम राघवन, माला अडिगा, विनय रेड्डी, भरत राममूर्ति, नीरा टंडन, सेलिन गाउंडर, अतुल गवांडे कुछ ऐसे भारतीय अमेरिकी नाम हैं जो अब किसी भी समय की तुलना में वहाइट हाउस के गलियारे में ज्यादा मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं।

अब तक, लगभग दो दर्जन भारतीय-अमेरिकियों को बाइडेन-हैरिस ए-टीम में ज्यादा प्रभावशाली पदों पर नियुक्त या नामित किया गया है।


रिपब्लिकन सीनेटर डेविड पेरड्यू, निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी, ने कमला हैरिस को कह-मह-मह-लाह या काह-माह-लाहऔर कमला-माला-माला कहा! उन्होंने कुछ ऐसा बोलकर 3 नवंबर, 2020 के चुनाव से पहले कमला हैरिस का मजाक उड़ाया था।

जैसा कि पेरड्यू ने खुद का एक तमाशा बनाया था, बहुत कम ही उन्हें या ट्रंप को पता था कि दो दर्जन भारतीय नाम 2021 में व्हाइट हाउस में अपनी जगह बनाएंगे।

6 जनवरी तक, जिस दिन एक हिंसक समर्थक ट्रंप भीड़ ने वाशिंगटन डीसी में कैपिटल बिल्डिंग पर हमला किया, हैरिस के डेमोक्रेटिक पार्टी के सहयोगियों ने जॉर्जिया सीनेट की दोनों सीटों पर जीत हासिल कर ली थी, जिसने अमेरिका के शक्ति संतुलन को बदल दिया।


जब हैरिस और बाइडेन शपथ लेंगे तो वे चिकित्सा, अर्थशास्त्र, डिजिटल संचार और स्टोरी टेलिंग सहित विषय वस्तु विशेषज्ञता के एक विस्तृत आर्क के पार भारतीय-अमेरिकी सफलता की कहानियों के व्हाइट हाउस में आने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

इन नामों में गौतम राघवन, विवेक मूर्ति, माला अडिगा, विनय रेड्डी, भारत राममूर्ति, नीरा टंडन, सेलीन गाउंडर शामिल हैं।

हैरिस ने अपना नाम अमेरिका को समझाने में बहुत समय बिताया है। जिसका अर्थ कमल का फूल होता है।

कमला, देवी लक्ष्मी के 108 नामों में से एक है, जो भारतीय हिंदू संस्कृति में धन, समृद्धि और सौभाग्य की शक्ति है।

आईएएनएस के साथ हालिया बातचीत में, राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर और एएपीआई डेटा के संस्थापक कार्तिक रामकृष्णन ने बहुत ही विशेष तमिल ब्राह्मण अनुभव की ओर इशारा किया, जिसकी झलक कमला हैरिस में देखने को मिलती है।

अगस्त 2020 में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन के दौरान, कमला हैरिस ने इन शब्दों में खुद को अमेरिकी जनता के समक्ष पेश किया था, एक और महिला है, जिसका नाम ज्ञात नहीं है, जिसकी कहानी साझा नहीं की गई है। एक अन्य महिला जिसके कंधे पर मैं खड़ी हूं और वह मेरी मां-श्यामला गोपालन हैरिस हैं।

हालांकि, समानांतर में, सांस्कृतिक परिवर्तन की एक विधि के रूप में परिवर्तनों को नाम देने के लिए अमेरिका कोई अजनबी नहीं है।

जिस किसी ने भी कमला के नाम का मजाक उड़ाना अच्छा विचार समझा, उसका यह मिथक वह वर्ष 2020 में टूट गया।

–आईएएनएस

वीएवी-एसकेपी

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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