हर वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। मलेरिया के बढ़ते खतरे को देख 60वें विश्व स्वास्थ्य सभा के सत्र के दौरान वर्ष 2007 में विश्व मलेरिया दिवस की शुरुआत की गई।
मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है। मच्छरों के कारण होने वाली इस बीमारी से हर वर्ष पूर विश्व में मलेरिया के लाखों मामले सामने आते हैं और इससे मरने वालों की संख्या भी काफी अधिक है। पूरी दुनिया की 3.3 अरब जनसंख्या में लगभग 106 ऐसे देश हैं, जिनमें मलेरिया का खतरा है। रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2012 में मलेरिया के कारण लगभग 6,27,000 मौतें हुई, जिनमें अधिकतर अफ्रीकी, एशियाई, लैटिन अमेरिकी देशों के बच्चे शामिल थे। बता दें कि मलेरिया के कारण होने वाली मृत्यु में विश्व भर में भारत चौथे स्थान पर है। भारत में मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, त्रिपुरा और मेघालय और नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में होते हैं।
मालदीव और श्रीलंका जैसे देश मलेरिया फ्री हैं। भारत को मलेरिया फ्री करने के बारे में यहां के डॉक्टरों का कहना है कि हमारे पास प्लान की कमी है, हम लोग तब ऐक्टिव होते हैं जब बीमारी फैल चुकी होती है। भारत में 69 फीसदी मौतें मलेरिया से होती हैं।
25 अप्रैल को मनाये जाने वाले विश्व मलेरिया दिवस के दिन मलेरिया और इसको रोकने के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। साथ ही इस बात पर चर्चा होती है कि इस ख़तरनाक बीमारी की रोकथाम कैसे की जाए।
इस मलेरिया दिवस आप भी जानिए मलेरिया के बारे में, क्या हैं इसके कारण, लक्षण, उपाय और रोकथाम
मलेरिया का कारण प्लाज्मोडियम पैरासाइट है। यह मादा एनॉफिलीज के काटने से फैलता है, जो की एक मच्छरा होता है। मादा एनॉफिलीज को मलेरिया का वेक्टर कहते हैं। जब संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो संक्रमण फैलने से उसमें मलेरिया के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। मच्छर के काटने पर मलेरिया पैरासाइट संक्रमित व्यक्ति के लिवर में बढ़ता है और उसकी ब्लड सेल्स को नष्ट करने लगता है। इसके बाद मलेरिया के लक्षण फ्लू के लक्षणों से मिलते हैं।
क्या हैं मलेरिया के लक्षण?
इस जानलेवा बीमारी के लक्षणों को अगर सही वक़्त पर पहचान लिया जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। यहां दिए गए लक्षण अगर आपको दिखाई दें तो तुरंत जांच करवाएं। बता दें कि मलेरिया के ये कॉमन लक्षण हैं, किसी और बीमारी के लक्षण भी इससे मिलते-जुलते हो सकते हैं।
- जुकाम और कंपकपी
- बुखार, सिरदर्द और उल्टी
- बुखार कम होने पर तेज पसीना और थकान
- डायरिया
कैसे करें बचाव?
मलेरिया से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप मच्छरों को पनपने ही न दें। बचाव के लिए सफाई का खास ध्यान रखें। इसके लिए आप ये उपाय भी कर सकते हैं।
- घर की दीवारों पर इनसेक्टीसाइड डालें।
- मच्छरदानी का उपयोग करें। खासकर प्रेग्नेंट महिलाएं और बच्चे क्योंकि उन्हें इस बीमारी का खतरा ज़्यादा होता है।
- सुबह और शाम के वक्त खासतौर पर पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और शरीर को ढंककर रखें।
मलेरिया पर क्या है WHO का रुख?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2017 की वर्ल्ड मलेरिया की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक 5 साल तक के बच्चों में मलेरिया की वजह से होने वाली मृत्युदर में कमी आई है। रिपोर्ट के मानें तो 2010 में यह संख्या 4,40,000 थी जो कि 2016 में घटकर 2,85,000 हो गई। WHO ने विश्व मलेरिया दिवस पर सदस्य देशों से अपील है कि वह अपने राष्ट्रीय मलेरिया कार्यक्रम की पहुंच आदिवासी, प्रवासी आबादी सहित वंचित और उपेक्षित समुदायों तक बढ़ाएं ताकि साल 2030 तक इस बीमारी को खत्म किया जा सके।