प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को लेकर धरने पर बैठे थे यशवंत सिन्हा, AAP नेताओं के साथ हुए गिरफ्तार

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प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को लेकर धरने पर बैठे थे यशवंत सिन्हा, AAP नेताओं के साथ हुए गिरफ्तार

भाजपा के पूर्व नेता व पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को लेकर राजघाट पर धरना दिया। उनके साथ आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संजय सिंह और विधायक दिलीप पांडे भी धरने पर बैठे। यशवंत सिन्हा केंद्र की मोदी सरकार से मजदूरों के मुद्दे को गंभीरता से ले और उनकी घर वापसी के लिए सही इंतजाम करने की मांग कर रहे थे। इस बीच दिल्ली पुलिस ने सभी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है। यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर ये जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक, अभी उन्हें राजेन्द्र नगर पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा है।

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने लिखा, “भाजपा ने गरीबों को मरने के लिए छोड़ दिया। भाजपा केवल अमीरों की सोचती है, अमीरों की पार्टी है क्या गरीब मज़दूरों के हक़ की आवाज़ उठाना गुनाह है? चाहे जेल भेजो या लाठी चलाओ हम प्रवासी मज़दूरों की आवाज़ उठाते रहेंगे।”


आप नेता दिलीप पांडे ने भी ट्वीट कर कहा, “मज़दूरों को इज्जत के साथ घर पहुँचाने को लेकर हम लोग राजघाट पर धरने पर बैठे थे, जहाँ से दिल्ली पुलिस ने हमें गिरफ्तार कर लिया है। नफ़रत भड़काने वाले सांसद को भाजपा की पुलिस गिरफ्तार नहीं करती, लेकिन मजदूरों के हक़ की आवाज़ उठाई, तो हम सबको अरेस्ट कर लिया।”

बता दें कि पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने सोमवार को कहा कि प्रशासन सड़कों पर पैदल चलने को बाध्य प्रवासी मजदूरों की मदद करने में नाकाम रहा है, फिर चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें। उन्होंने कहा, “हमारी साधारण सी मांग है कि सशस्त्र बलों और अर्द्धसैनिक बलों को जिम्मेदारी दी जाए कि वे अपने पास मौजूद सभी संसाधनों का उपयोग करके इन प्रवासी श्रमिकों को सम्मान के साथ उनके घर पहुंचाएं।” सिन्हा ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वह धरने पर बैठे रहेंगे।

सिन्हा ने कहा कि अगर सेना को सरकार साथ में लेगी तो मजदूरों की समस्या को 24 घंटे में दूर किया जा सकता है। बता दें कि कोरोना लॉकडाउन में सियासी जमावड़े पर प्रतिबंध है, लेकिन सिन्हा ने मजदूरों की बढ़ती परेशानियों को देखते हुए मजबूरन धरने पर बैठने का फैसला किया है। उनका कहना है कि कानून लोगों की भलाई के लिए होना चाहिए, ना कि विरोध को दबाने के लिए। उन्होंने कहा कि मजदूरों को लेकर कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। लोग सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं, कोई हादसे में मारा जा रहा है तो कोई भूख का शिकार हो रहा है। सरकार से हमारी मांग है कि मजदूरों को उनके घर सुरक्षित तरीके से पहुंचाया जाए।


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