भाजपा के पूर्व नेता व पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को लेकर राजघाट पर धरना दिया। उनके साथ आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संजय सिंह और विधायक दिलीप पांडे भी धरने पर बैठे। यशवंत सिन्हा केंद्र की मोदी सरकार से मजदूरों के मुद्दे को गंभीरता से ले और उनकी घर वापसी के लिए सही इंतजाम करने की मांग कर रहे थे। इस बीच दिल्ली पुलिस ने सभी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है। यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर ये जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक, अभी उन्हें राजेन्द्र नगर पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा है।
We have just been arrested by the Delhi Police.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) May 18, 2020
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने लिखा, “भाजपा ने गरीबों को मरने के लिए छोड़ दिया। भाजपा केवल अमीरों की सोचती है, अमीरों की पार्टी है क्या गरीब मज़दूरों के हक़ की आवाज़ उठाना गुनाह है? चाहे जेल भेजो या लाठी चलाओ हम प्रवासी मज़दूरों की आवाज़ उठाते रहेंगे।”
भाजपा ने गरीबों को मरने के लिए छोड़ दिया
भाजपा केवल अमीरों की सोचती है, अमीरों की पार्टी है क्या गरीब मज़दूरों के हक़ की आवाज़ उठाना गुनाह है? चाहे जेल भेजो या लाठी चलाओ हम प्रवासी मज़दूरों की आवाज़ उठाते रहेंगे। https://t.co/lv0QUjO6M2— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) May 18, 2020
आप नेता दिलीप पांडे ने भी ट्वीट कर कहा, “मज़दूरों को इज्जत के साथ घर पहुँचाने को लेकर हम लोग राजघाट पर धरने पर बैठे थे, जहाँ से दिल्ली पुलिस ने हमें गिरफ्तार कर लिया है। नफ़रत भड़काने वाले सांसद को भाजपा की पुलिस गिरफ्तार नहीं करती, लेकिन मजदूरों के हक़ की आवाज़ उठाई, तो हम सबको अरेस्ट कर लिया।”
We have been arrested by @DelhiPolice from Rajghat, while demanding, smooth passage, with dignity, for migrants, to their home towns, too much to ask? नफ़रत भड़काने वाले सांसद को भाजपा की पुलिस गिरफ्तार नहीं करती, लेकिन मजदूरों के हक़ की आवाज़ उठाई, तो हम सबको अरेस्ट कर लिया? pic.twitter.com/HELRN7Mgy2
— Dilip K. Pandey – दिलीप पाण्डेय (@dilipkpandey) May 18, 2020
बता दें कि पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने सोमवार को कहा कि प्रशासन सड़कों पर पैदल चलने को बाध्य प्रवासी मजदूरों की मदद करने में नाकाम रहा है, फिर चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें। उन्होंने कहा, “हमारी साधारण सी मांग है कि सशस्त्र बलों और अर्द्धसैनिक बलों को जिम्मेदारी दी जाए कि वे अपने पास मौजूद सभी संसाधनों का उपयोग करके इन प्रवासी श्रमिकों को सम्मान के साथ उनके घर पहुंचाएं।” सिन्हा ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वह धरने पर बैठे रहेंगे।
सिन्हा ने कहा कि अगर सेना को सरकार साथ में लेगी तो मजदूरों की समस्या को 24 घंटे में दूर किया जा सकता है। बता दें कि कोरोना लॉकडाउन में सियासी जमावड़े पर प्रतिबंध है, लेकिन सिन्हा ने मजदूरों की बढ़ती परेशानियों को देखते हुए मजबूरन धरने पर बैठने का फैसला किया है। उनका कहना है कि कानून लोगों की भलाई के लिए होना चाहिए, ना कि विरोध को दबाने के लिए। उन्होंने कहा कि मजदूरों को लेकर कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। लोग सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं, कोई हादसे में मारा जा रहा है तो कोई भूख का शिकार हो रहा है। सरकार से हमारी मांग है कि मजदूरों को उनके घर सुरक्षित तरीके से पहुंचाया जाए।