झारखंड (Jharkhand) के हाई स्कूलों (High Schools) में जल्द ही 3500 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है। सभी जिलों से हाईस्कूलों के प्रधानाध्यापकों की संख्या और प्रभारी प्रधानाध्यापकों की संख्या का ब्योरा मांगा गया है।
इसके साथ ही पिछले 3 साल की मैट्रिक परीक्षा के परिणाम की भी रिपोर्ट मांगी गई है। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक ने सभी तरह के सरकारी हाई स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के खाली और प्रभार वाले पदों की संख्या मांगी है। इसके आधार पर प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति और सीधी नियुक्ति में लाभ मिल सकेगा।
जिलों से स्कूल का नाम, प्रधानाध्यापक का नाम, जन्मतिथि, सेवानिवृत्ति की तिथि, नियुक्ति का प्रकार, नियुक्ति कब हुई, स्कूल में कब से पदस्थापित हैं और 2016-2017 से 2018-19 तक के स्कूल के मैट्रिक परीक्षा का परिणाम क्या रहा इसकी रिपोर्ट देनी है। इसके अलावा अभी तक जिन स्कूलों में स्थाई प्रधानाध्यापक नहीं है उन्हें स्कूल के नाम के सामने जीरो लिखना है।
अगर प्रभारी प्रधानाध्यापक काम कर रहे हैं तो उनकी पूरी जानकारी देनी है। राज्य में करीब 4000 हाई स्कूलों में 3500 स्कूलों में स्थाई प्रधानाध्यापक नहीं है। मिडिल स्कूल से हाईस्कूल में अपग्रेड हुए स्कूलों में स्थाई प्रधानाध्यापक नहीं है। इन स्कूलों में अभी भी सीनियर टीचर को प्रधानाध्यापक का प्रभार मिला हुआ है।
राज्य में करीब 2500 अपग्रेड हाई स्कूल हैं। अपग्रेड होने के बाद यहां प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति नहीं सकी है। राज्य में 2007-08 के बाद से प्रधानाध्यापकों की कोई नियुक्ति नहीं हुई है। राजकीय, राजकीयकृत, प्रोजेक्ट और परियोजना हाई स्कूलों में जो अस्थाई प्रधानाध्यापक थे उनमें से अधिकांश रिटायर हो चुके हैं।
हाई स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के 50 फ़ीसदी पदों पर प्रोन्नति से और 50 फ़ीसदी पदों पर सीमित परीक्षा से नियुक्ति होती है। वहीं जो शिक्षक लंबे समय से अपनी सेवा दे रहे हैं उन्हें प्रोन्नति के आधार पर प्रधानाध्यापक बनाया जाता है। जबकि सीमित परीक्षा के लिए 10 साल शिक्षक के रूप में कार्य करने वाले अप्लाई कर सकते हैं।