हरियाणा में सत्ता की ‘चाबी’ हाथ लगते ही जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के प्रमुख दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं। बीजेपी के साथ सरकार में शामिल होते ही दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला (Ajay Chautala) को दो हफ्ते के लिए फरलो (Furloug) मिल गया है। उम्मीद की जा रही है कि अजय चौटाला आज शाम या रविवाह सुबह जेल से बाहर आ सकते हैं। अजय चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाला के मामले में फ़िलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनके साथ उनके पिता और हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला भी जेल में हैं।
Tihar DG: Ajay Chautala (father of Jannayak Janta Party leader Dushyant Chautala) has been granted furlough and will be out today evening or tomorrow morning. He has been granted furlough for two weeks. pic.twitter.com/q8gYg8mq5i
— ANI (@ANI) October 26, 2019
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले 24 अक्टूबर हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आते ही 10 विधायकों के साथ दुष्यंत चौटाला राज्य में किंगमेकर की भूमिका में उभरे। उसके बाद बीजेपी के साथ मनोहर लाल खट्टर सरकार में शामिल होने और अपनी पार्टी के लिए उप-मुख्यमंत्री पद हासिल करने का मौका मिल गया।
क्या होता है फरलो?
वैसा मुजरिम जो आधी से ज्यादा या कम-से-कम तीन साल जेल की सजा काट चुका हो, उसे साल में 4 हफ्ते के लिए फरलो दिया जाता है। फरलो मुजरिम को सामाजिक या पारिवारिक संबंध कायम रखने के लिए दिया जाता है। इनकी अर्जी डीजी जेल के पास भेजी जाती है और इसे गृह विभाग के पास भेजा जाता है और उस पर 12 हफ्ते में निर्णय होता है। एक बार में दो हफ्ते के लिए फरलो दिया जा सकता है और फिर उसे दो हफ्ते के लिए बढ़ाया जा सकता है। फरलो मुजरिम का अधिकार होता है, जबकि पैरोल अधिकार के तौर पर नहीं मांगा जा सकता। पैरोल के दौरान मुजरिम जितने दिन भी जेल से बाहर होता है, उतनी अतिरिक्त सजा उसे काटनी होती है। फरलो के दौरान मिली रिहाई सजा में ही शामिल होती है।