कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी ने इस साल बच्चों की पढ़ाई को बहुत ही बुरी तरह प्रभावित किया है। भारत में न केवल पढ़ाई के तरीकों पर बड़ा असर डाला है, बल्कि अब पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए नए एकेडमिक सत्र में गुंजाइश निकालने की योजना बनाई जा रही है।
यही कारण है कि सिलेबस में कटौती भी न हो और पढ़ाई का बोझ भी कम हो जाए, इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए नेशनल काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी एनसीईआरटी (NCERT) ने एक ड्राफ्ट (Draft) तैयार किया है।
इसमें नए एकेडमिक सत्र में पढ़ाई का बोझ कम करने के सुझाव को भी शामिल किया गया हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार जून को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई (CBSE) ने एनसीईआरटी (NCERT) से 10वीं और 12वीं क्लास के सिलेबस का विश्लेषण करने को कहा था।
ये मामला सिर्फ सीबीएसई (CBSE) से सबद्ध स्कूलों में एनसीईआरटी टेक्स्टबुक (NCERT Textbook) से जुड़ा है। नए ड्राफ्ट (Draft) के अनुसार, एनसीईआरटी सिलेबस में कटौती करने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इससे हायर एजुकेशन में छात्रों को समस्या पेश आ सकती है।
इसकी बजाय एनसीईआरटी ने ऐसे टॉपिक्स और थीम की पहचान की है जिनमें से कुछ टीचर्स द्वारा पढ़ाए जाने चाहिए और कुछ छात्रों को सेल्फ स्टडी कर समझने चाहिए। एनसीईआरटी के ड्राफ्ट के अनुसार, टीचर्स द्वारा पढ़ाए गए टॉपिक्स का मूल्यांकन बोर्ड एग्जाम के जरिये होना चाहिए।
जबकि सेल्फ स्टडी का मूल्यांकन इंटरनल असेस्मेंट में शामिल होना चाहिए। सूत्रों के अनुसार,अभी ड्राफ्ट (Draft) पर विचार किया जा रहा है। इसमें अभी और भी बदलाव किए जा सकते हैं। हालांकि इन सुझावों पर फैसला सीबीएसई (CBSE) द्वारा ही लिया जाएगा।
आपको बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal) ने सिलेबस में कटौती करने को लेकर सार्वजनिक रूप से लोगों से सुझाव मांगे थे ताकि कोरोनावायरस (Coronavirus) के चलते पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।