यूपी एसटीएफ की टीम को मेरठ के बाद गजरौला में भी 35 करोड़ कीमत की एनसीईआरटी की 10 लाख डुप्लीकेट किताबें बरामद हुईं। अब तक 70 करोड़ से भी ज्यादा की डुप्लीकेट किताबें जब्तकी जा चुकी हैं। इस मामले में अभी तक कुल चार आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।
हालांकि इस पूरी धांधलेबाजी को अंजाम देने वाला सरगना बीजेपी नेता अभी भी फरार हैं। बीजेपी नेता संजीव गुप्ता और उसके भतीजे सचिन गुप्ता की तलाश में एसटीएफ व परतापुर पुलिस ने कई जगह छापेमारी की। सेल टैक्स विभाग ने सचिन के दफ्तर से कुछ दस्तावेज कब्जे में लिए हैं।
एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबें छापने के मास्टरमाइंड संजीव और सचिन गुप्ता हैं। संजीव कोतवाली क्षेत्र में भाटवाड़ा बुढ़ाना गेट और सचिन गुप्ता मेडिकल क्षेत्र में सुशांत सिटी का रहने वाला है। दोनों चाचा-भतीजे एक दशक से नकली किताबें छापने का धंधा कर रहे थे। सचिन गुप्ता का एक दफ्तर टीपीनगर थाना क्षेत्र के मोहकमपुर में एक ऑटोमोबाइल शोरूम के पास है।
सेल टैक्स और एसटीएफ टीम शनिवार को इस दफ्तर पर पहुंची। टीम ने दफ्तर से जरूरी दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। इसके बाद एसटीएफ दोनों आरोपियों के घरों पर पहुंची। वे वहां भी नहीं मिले। उनके मोबाइल नंबर भी बंद जा रहे हैं। फिलहाल दोनों नंबरों को सर्विलांस पर लेकर लोकेशन सर्च की जा रही है।
आनंद प्रकाश मिश्र, इंस्पेक्टर थाना परतापुर ने बताया कि इस गिरोह के मास्टरमाइंड सहित चार आरोपी फरार हैं। उनकी तलाश में टीमें बनाकर दबिश दी जा रही हैं। जल्द उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एडिशनल कमिश्नर का कहना है कि फिलहाल जीएसटी की टीमें एसटीएफ के साथ मिलकर जांच-पड़ताल कर रही हैं।
इसके साथ ही राज्य जीएसटी की टीमें टैक्स चोरी और फर्जी फर्मों की जांच भी कर रही हैं। नकली किताब छापने के मामले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई में बीजेपी के महानगर उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता का नाम सामने आने के बाद पार्टी ने सभी पदों से हटाते हुए प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है, साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रदेश अध्यक्ष को रिपोर्ट भेज दी गई है।