उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक हफ्ते में गबन की धनराशि जमा न करने वाले ग्राम प्रधानों को पंचायती राज एक्ट के तहत अयोग्य घोषित करते हुए आगामी ग्राम पंचायत चुनाव लड़ने से वंचित किया जाएगा। दरअसल पीलीभीत जिले में स्वच्छता मिशन के तहत वर्ष 2018-19 में ग्राम पंचायतों में कूड़ेदान खरीदे गए थे, लेकिन अधिकांश ग्राम पंचायतों में प्रधान और सचिवों ने कूड़ेदान के नाम पर सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किया। ग्राम पंचायतों ने कूड़ेदानों की खरीद में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं बरती गईं।
शिकायत के बाद तत्कालीन डीएम ने ब्लाकस्तरीय कमेटी गठित कर जांच कराई,शुरुआती जांच में ही 164 ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमितताएं सामने आ गईं।
इसके बाद जिलाधिकारी ने संबंधित ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी कर दुरुपयोग की गई धनराशि जमा करने की चेतावनी दी, हालंकि 22 ग्राम पंचायतों ने मयव्याज सहित धनराशि जमा कर दी थी। वहीँ अभी तक 142 ग्राम पंचायतों ने अभी तक इसे गंभीरता से नहीं लिया, जबकि उनको कई बार रिमांडर भी भेजा जा चुका है, इसके बाद भी उनकी और से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है ।
इस पर मौजूदा डीएम पुलकित खरे ने सख्ती दिखाते हुए सभी ग्राम प्रधानों को अंतिम नोटिस जारी करते हुए एक हफ्ते में गबन की गयी धनराशि जमा करने के निर्देश दिए हैं ।
इन ग्राम प्रधानों को अंतिम नोटिस जारी कर सात दिन में धनराशि जमा नहीं होने पर उनके आगामी पंचायत चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी गई है।
आपको बता दें कि स्वच्छता मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 में जनपद की 164 ग्राम पंचायतों में ग्राम निधि से कूड़ेदानों की खरीदारी की गई थी। इस संबंध में लगातार मिल रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने जांच के लिए उपसमितियों का गठन करते हुए जनपद स्तर पर गठित मुख्य समिति को जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया था।