जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है। अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में सुरक्षाबलों के काफिले पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने आत्मघाती हमला किया। इस धमाके में सीआरपीएफ के 22 जवान शहीद हो गए और 45 जवान घायल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि काफिले में सीआरपीएफ की करीब दर्जनभर गाड़ियों में 2500 से अधिक जवान सवार थे।
आतंकियों ने सुरक्षाबलों की दो गाड़ियों को निशाना बनाया। एक ओर मोदी सरकार जहां दावा करती है उसके कार्यकाल में आतंकी हमलों में कमी आई है तो वहीं बीते 4 से 5 वर्षों में देश गुरदासपुर, उरी जैसे आतंकी हमले झेल चुका है। आइए एक नजर डालते है बीते 4 से 5 वर्षों में हुए बड़े आतंकी हमले पर।
गुरदासपुर: जुलाई 2015 में आतंकियों ने पहले एक यात्री बस पर हमला किया उसके बाद उन्होंने दीनानगर थाने में घुसकर फायरिंग की। तीन आतंकवादियों ने इस हमले को अंजाम दिया और इसमें 7 लोग मारे गए थे।
पठानकोट: जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने जनवरी 2016 में पठानकोट में वायु सेना के बेस पर हमला किया था। इसमें 3 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। हालांकि भारतीय सेना ने भी चार आतंकवादियों को मार गिराया था।
कोकराझार: अगस्त 2016 में असम के कोकराझार में एक हमले में 14 नागरिकों की मौत हो गई थी। इसे नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के उग्रवादियों ने अंजाम दिया था।
उरी: उरी में भारतीय सेना के ठिकाने पर किए गए हमले में 19 सैनिक शहीद हो गए थे। इसमें भारतीय सेना ने 4 आतंकवादियों को भी ढेर किया था।
अमरनाथ: जुलाई 2017 में, जब अमरनाथ यात्रा के बाद एक बस लौट रही थी तो आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। इसमें 7 लोग मारे गए थे।