जन्मदिन विशेष: उधार लेकर शुरू किया था इंफोसिस, अब 171 अरब के मालिक हैं नारायणमूर्ति

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जन्मदिन विशेष: उधार लेकर शुरू किया था इंफोसिस, अब 171 अरब के मालिक हैं नारायणमूर्ति

दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस (Infosys) के संस्थापकों में से एक एनआर नारायणमूर्ति (N. R. Narayana Murthy) आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। नारायणमूर्ति (Narayana Murthy) का जन्म 20 अगस्त 1946 को कर्नाटक के मैसूर में हुआ था। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग और 1969 में आईआईटी कानपुर से मास्टर ऑफ टैक्नोलाजी की पढ़ाई की। कहा जाता है कि उनकी पढ़ाई का खर्च उनके एक टीचर ने उठाया था।

इंफोसिस (Infosys) आज देश की टॉप आईटी कंपनियों में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं करोड़ों की कंपनी इंफोसिस उधार के पैसे से शुरू हुई थी? आइए नारायणमूर्ति (Narayana Murthy) के जन्मदिन पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ किस्से और इंफोसिस के बनने की कहानी…


–  नारायण मूर्ति ने पत्नी सुधा और 6 सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल के साथ मिलकर 1981 में इंफोसिस की शुरुआत की थी।

– मूर्ति और बाकी के लोगों के पास पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने टाटा इंडस्ट्रीज में कार्यरत अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10,000 रुपये उधार लिए थे। शुरू में मूर्ति का घर ही कंपनी का मुख्यालय बना। 1983 में इसका मुख्यालय बेंगलुरु स्थानांतरित किया गया था।

–  14 जून 1993 को इंफोसिस मुम्बई शेयर बाजार पर लिस्ट होने वाली देश की पहली आईटी कंपनी थी।


–  1977 में नारायण मूर्ति मुंबई में पटनी कंप्यूटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर बन गए। उन्होंने सुधा से कहा कि वह यह नौकरी लेने से पहले शादी करना चाहते हैं कि क्योंकि इसके बाद वो अमेरिका जाने वाले है। इस नौकरी से खुश होकर सुधा के पिता ने भी शादी के लिए हामी भर दी।

–  1999 में इंफोसिस की लिस्टिंग नैस्डेक स्टॉक एक्सचेंज में हुई। यह भारतीय कारोबार जगत और खास तौर पर एन आर नारायण मूर्ति के लिए उफान का वक्त था। नैस्डेक में लिस्ट होने वाली इंफोसिस पहली कंपनी है।

–  कभी एन. नारायण मूर्ति को विप्रो के अजीम प्रेमजी ने नौकरी देने से इनकार कर दिया था। नारायण मूर्ति तब पटनी कंप्यूटर सिस्टम में काम करते थे।

–  मूर्ति 2002 से 2011 तक इंफोसिस के चेयरमैन रहे हैं। मूर्ति 21 साल तक कंपनी के सीईओ रहे।

–  इंफोसिस को कामयाबी के मुकाम पर पहुंचाने के बाद मूर्ति ने 2011 में रिटायरमेंट ली थी। कंपनी के शेयर में कर्मचारियों को हिस्सेदारी देने वाली यह पहली कंपनी है।

– उन्हें पद्म श्री, पद्म विभूषण और ऑफिसर ऑफ द लेजियन ऑफ ऑनर (फ्रांस सरकार) से सम्मानित किया जा चुका है। नारायण मूर्ति अब अवकाश ग्रहण कर चुके हैं लेकिन वे इंफोसिस के मानद चेयरमैन बने रहेंगे।


थरूर, सुधा मूर्ति, बॉन्ड, सोहा क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड्स से सम्मानित

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