आम्रपाली ग्रुप ने फ्लैट खरीदारों का पैसा धोनी की पत्नी साक्षी की कंपनी में लगाया: रिपोर्ट

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आम्रपाली ग्रुप ने फ्लैट खरीदारों का पैसा धोनी की पत्नी साक्षी की कंपनी में लगाया: रिपोर्ट

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। लेकिन इस बार मामला उनके अपने खेल या संन्यास की खबरों की बजाय वित्तीय घोटाले से जुड़ा है। एमएस धोनी (MS Dhoni) और उनकी पत्नी साक्षी धोनी (Sakshi Dhoni) का नाम सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चल रहे आम्रपाली होम बायर्स के मामले में आया है। दरअसल, आम्रपाली पर आरोप है कि उसने हजारों घर खरीदारों से फ्लैट बनाने के लिए वसूला धन निकालकर दूसरे कार्यों में लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त ऑडिटरों की मानें तो करीब 70 करोड़ रुपये धोनी से जुड़े दो कंपनियों में लगाया गया।

आउटलुक एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त फॉरेंसिक ऑडिटर्स पवन कुमार अग्रवाल और रवींद्र भाटिया ने मंगलवार को कोर्ट में सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि आम्रपाली ने आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और रीती स्पोर्ट्स मैनेजेमेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ फर्जी करार किया है। रीती स्पोर्ट्स में धोनी की बड़ी हिस्सेदारी है। वहीं, उनकी पत्नी साक्षी आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक हैं। धोनी को माही नाम से भी जाना जाता है।


मंगलवार को जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यू यू ललित की बेंच ने फॉरेंसिक ऑडिट की रिपोर्ट पढ़ने के बाद टिप्पणी देते हुए कहा कि ‘हमें ये महसूस हो रहा है कि घर खरीदने वाले लोगों का पैसा गैर कानूनी तरीके से रीती स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्रा. लि. को चला गया और अब पैसे वहां से वापस निकालना जरूरी है और जो बात हम कह रहे हैं वो हमारा विचार है जो बाकी के कानून पर लागू नहीं होता है।

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शीर्ष अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार, साक्षी धोनी को यह रकम नकद के रूप में दी गई। ऑडिटर ने यह भी कहा कि हमें मौखिक रूप से बताया गया कि ये कंपनी रांची में एक प्रोजेक्ट से भी जुड़ी हुई है। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच एक अनुबंध भी साइन हुआ, हालांकि हमें इसकी कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई। रिपोर्ट के अनुसार, रीती स्पोर्ट्स ने आम्रपाली समूह से 2009 से लेकर 2015 के बीच 42.22 करोड़ रुपये प्राप्त किए। इनमें से आम्रपाली सफायर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 6.52 करोड़ रुपये दिए थे। मगर ये साफ नहीं है कि रीती स्पोर्ट्स को किसलिए इतनी बड़ी रकम दी गई।


आपको बता दें कि एमएस धोनी साल 2016 तक आम्रपाली के ब्रांड एंबेसडर भी थे। हालांकि उन्हें हजारों फ्लैट खरीदारों की नाराजगी और दबाव में आम्रपाली से नाता तोड़ना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ही आम्रपाली मामले में अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 42,000 से ज्यादा परेशान फ्लैट खरीदारों को राहत देने के लिए सरकारी रियल एस्टेट कंपनी एनबीसीसी को तय समय में फ्लैटों का निर्माण पूरा करके पजेशन देने का आदेश दिया।

‘धोनी को संन्यास नहीं लेने के लिए कहा गया है’

हालाँकि, अदालत ने धोनी को दोषी करार नहीं दिया है। खुद धोनी ने भी आम्रपाली के खिलाफ कोर्ट में शिकायतें कर चुके हैं। इस साल के शुरू में उन्होंने कंपनी से 40 करोड़ रुपये दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने उनके जरिये ब्रांडिंग और मार्केटिंग करवाकर उसके एवज में भुगतान नहीं किया।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आम्रपाली मामले में सीरियस फ्रॉड हुआ है और बड़ी राशि की हेर-फेर की गई है। इसमें फेमा (FEMA) का उल्लंघन कर विदेशों में भी धन भेजा गया है। शीर्ष अदालत ने ईडी को आदेश दिए हैं कि वह फेमा के तहत जांच कर 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करे।

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