असम : प्रथम चरण के चुनाव में भाजपा, कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर

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असम : प्रथम चरण के चुनाव में भाजपा, कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर

गुवाहाटी | लोकसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को असम की पांच लोकसभा सीटों पर मतदान होना है और इन सीटों पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई देखने को मिल सकती है।

कलियाबोर, तेजपुर, जोरहाट, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर लोकसभा सीटों पर पहले चरण के तहत मतदान होना है।


कलियाबोर लोकसभा सीट के लिए हालांकि सात उम्मीदवार मैदान में हैं। लेकिन इस सीट पर सीधी लड़ाई कांग्रेस के मौजूदा सांसद गौरव गोगोई और असम गण परिषद (एजीपी) की मोनी माधब महंता के बीच हो सकती है। एजीपी ने आम चुनाव लड़ने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया है।

कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले कलियाबोर पर पहले पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, उनके भाई दीप गोगोई और अब उनके बेटे गौरव गोगोई का प्रतिनिधित्व है।

भाजपा के लिए कलियाबोर सीट जीतने का मतलब क्षेत्र में गोगोई के वंशवादी शासन को समाप्त करना होगा।


इसी तरह तेजपुर सीट पर भी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है। यहां से भाजपा ने राज्य के श्रम मंत्री पल्लब लोचन दास को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व नौकरशाह एमजीवीके भानु को चुनाव मैदान में उतारा है।

तेजपुर सीट को भी कांग्रेस के मजबूत किलों में से एक माना जाता था, लेकिन 2009 में एजीपी के जोसेफ टोप्पो की जीत से गणित बदल गया। वहीं 2014 चुनाव में भाजपा के राम प्रसाद शर्मा ने टोप्पो के खिलाफ जीत दर्ज की थी।

1985 बैच के आईएएस अधिकारी भानु ने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद असम को अपना दूसरा घर बना लिया है और उन्हें उनके योगदान के लिए सराहा जाता रहा है।

जोरहाट संसदीय क्षेत्र को भी कांग्रेस के गढ़ के रूप में देखा जाता है, क्योंकि दिवंगत कांग्रेस नेता व सांसद बिजोय कृष्ण हांडिक ने 1991 से लगातार छह बार यहां से जीत दर्ज की थी। हालांकि 2014 में भाजपा के कामाख्या प्रसाद तासा यहां कमल खिलाने में सफल हुए थे।

भाजपा ने हालांकि इस बार तासा के खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए उनका टिकट काट दिया है और राज्य के ऊर्जा मंत्री तपन गोगोई को उम्मीदवार बनाया है।

वहीं कांग्रेस ने पार्टी की खोई जमीन तलाशने के लिए पूर्व विधायक सुशांता बोर्गोहैन पर दांव लगाया है।

डिब्रूगढ़ में भाजपा के मौजूदा सांसद रामेश्वर तेली और कांग्रेस के दिग्गज नेता पबन सिंह घाटोवार के बीच सीधी लड़ाई है। तेली और घाटोवार दोनों ही चाय समुदाय से आते हैं।

वहीं लखीमपुर में कांग्रेस के अनिल बोर्गोहैन भाजपा के मौजूदा सांसद प्रदान बरुआ को टक्कर देंगे।

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 2014 के चुनाव में लखीमपुर सीट का प्रतिनिधित्व किया था।

सोनोवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हुई सीट पर नवंबर 2016 में हुए उपचुनाव में बरुआ ने जीत हासिल की थी।


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(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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