रघुबर के बनवास के बाद बाबूलाल मरांडी की शरण में भाजपा, हो सकते हैं विपक्ष के नेता

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रघुबर के बनवास के बाद बाबूलाल मरांडी की शरण में भाजपा, हो सकते हैं विपक्ष के नेता

राजनीति को आमतौर पर संभावनाओं का खेल कहा जाता है। झारखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रघुबर दास सहित भाजपा की बड़ी हार से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। वहीं दूसरी ओर झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी की पार्टी झाविमो को हाल के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उम्मीद के अनुसार सफलता नहीं मिली है। वहीं दूसरी तरफ झारखंड की राजनीतिक फिजाओं में नए सियासी परिदृश्य की संभावना जताई जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक बदले सियासी समीकरण में झाविमो का भाजपा में विलय हो सकता है। पूर्व CM और झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी फिर भाजपा का ‘कमल’ थाम सकते हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा को राज्य में एक मजबूत आदिवासी नेता की तलाश है, वहीं मरांडी की पार्टी भी चुनाव मेंं कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सकी है। ऐसे में दोनों ही एक दूसरे में संभावनाएं तलाशने में जुटे हैं। यदि बाबूलाल भाजपा में शामिल होते हैं पार्टी उन्हें नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है। भाजपा ने अब तक यह पद रिक्त रखा है।


सूत्र तो यहां तक दावा कर रहे हैं की भाजपा ने इसी कारण विधायक दल के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता का चुनाव टाल दिया है और खरमास के बाद इसकी घोषणा करने की बात कही है। इस बीच मरांडी ने भी झाविमो के कार्यकारी समिति को भी भंग कर दिया है, जिससे इस बात को और हवा मिल रही है। मरांडी ने भी खरमास के बाद समिति के नामों को तय करने की बात की है।

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री हैं बाबूलाल मरांडी

राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी फिलहाल धनवार सीट से विधायक हैं। मरांडी साल 2000 में बिहार से अलग होकर बने झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने 2003 में इस्तीफा दे दिया था और उनकी जगह अजुर्न मुंडा ने मुख्यमंत्री पद संभाला था। इसके बाद मरांडी ने 2006 में अपनी अलग पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (JMM) बनाई और तब से वह राज्य में जनाधार बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।


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