पटना, 12 फरवरी (आईएएनएस)। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों से प्रेरणा ग्रहण करते हुए भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ़ राजेन्द्र प्रसाद के पैतृक निवास जीरादेई की पर्यटकीय यात्रा करने वाली सीवान की रहने वाली प्रियंका पांडेय एवं बिहार में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े तारापुर शहीद दिवस (15 फरवरी, 1932) के ऐतिहासिक व गौरवपूर्ण प्रसंग को प्रधानमंत्री से साझा करने वाले मुंगेर के जयराम विप्लव को सम्मानित किया। राज्यपाल ने इन दोनों को राजभवन में बुद्घ-प्रतिमा एवं मधुबनी पेंटिंग प्रदान कर इन्हें सम्मानित किया।
इस मौके पर राज्यपाल ने दोनों सम्मानित युवाओं से कहा कि जागरूक एवं होनहार युवा ही अपने परिवार, समाज एवं राष्ट्र का नाम रौशन करते हैं। राज्यपाल ने कहा कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत तथा आत्मनिर्भर एवं स्वाभिमानी भारतवर्ष के प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने की दिशा में देश के युवा वर्ग अग्रणी भूमिका निभायेंगे।
राज्यपाल ने कहा है कि प्रियंका जैसी होनहार छात्रा एवं जयराम विप्लव जैसे राष्ट्रभक्त बिहारी युवा को राजभवन पटना में आमंत्रित कर सम्मानित करने से युवावर्ग राष्ट्र के नवनिर्माण हेतु अभिप्रेरित होंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीवान की प्रियंका द्वारा नमो एप पर लिखी गई उसकी टिप्पणियों का संज्ञान लेते हुए 31 जनवरी को अपने मन की बात कार्यक्रम में इस बात का उल्लेख किया था कि सीवान की हिन्दी साहित्य की विद्यार्थी प्रियंका ने उनके सुझावों से प्रेरित होते हुए पहली जनवरी को भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ़ राजेन्द्र प्रसाद के पैतृक निवास का परिभ्रमण किया।
प्रधानमंत्री ने बताया था कि प्रियंका अपने घर से 15 किलोमीटर दूर प्रथम राष्ट्रपति के पैतृक निवास पर पहली बार जाकर काफी अभिप्रेरित हुईं। वहां उन्हें डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद द्वारा लिखी गई किताबें प्राप्त हुईं और अनेक ऐतिहासिक तस्वीरें देखने को मिलीं।
प्रधानमंत्री से प्रियंका ने बापू की जीरादेई यात्रा के समय की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की एक तस्वीर भी साझा की थी।
मन की बात में प्रधानमंत्री ने मुंगेर के युवा जयराम विप्लव द्वारा भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम से जुड़े बिहार के तारापुर शहीद दिवस (मुंगेर) के ऐतिहासिक गौरवपूर्ण प्रसंग, जिसमें भारतमाता के सपूत अनेक स्वतंत्रता-सेनानी शहीद हुए थे, के उल्लेख को भी अत्यन्त प्रेरणादायी बताया था।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि तारापुर शहीद दिवस (15 फरवरी, 1932) की ऐतिहासिक घटना के बारे में सविस्तार चर्चा एवं गौरवपूर्ण उल्लेख होना चाहिए, जिससे भावी युवा पीढ़ी राष्ट्रप्रेम की भावना से और अधिक अनुप्राणित हो सकें।
–आईएएनएस
एमएनपी/एएनएम