बिहार: महागठबंधन से पत्ता कटने के बाद 6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे पप्पू यादव

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बिहार: महागठबंधन से पत्ता कटने के बाद 6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे पप्पू यादव

बिहार में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के बाद जन अधिकार पार्टी के नेता और मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को बड़ा झटका लगा है। पप्पु यादव महागठबंधन में सहयोगी की भूमिका देख रहे थे और कांग्रेस से सहयोग की उम्मीद लगाए हुए थे। मगर शुक्रवार को हुए सीट बंटवारे के बाद पप्पू यादव के मंसूबों पर पानी फिर गया।

पप्पु यादव को यह उम्मीद थी के महागठबंधन से उन्हें कांग्रेस सहयोग करेगी और कांग्रेस कोटे से पूर्णिया सीट से उम्मीदवारी का मौका देगी। पूर्णिया के बदले में पप्पू यादव कांग्रेस के कहने पर राजद के लिए मधेपुरा सीट की कुर्बानी देने को भी तैयार हैं, मगर अब ऐसी सभी संभावनाओं पर विराम लगता दिख रहा है। पूर्णिया से कांग्रेस ने उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला कर लिया है। वहीं शरद यादव राजद के सिंबल पर मधेपुरा से चुनाव मैदान में होंगे। इन बदले हुए राजनीतिक हालात में यह साफ हो गया है कि पप्पू के सामने अब अपनी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लडऩे के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।


6 सीटों पर जाप की है तैयारी

वहीं अगर जन अधिकार पार्टी (जाप) सूत्रों की मानें तो सांसद पप्पू यादव का फैसला है कि जाप बिहार में कम से कम 6 संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इनमें से 2 सीट मधेपुरा और पूर्णिया सीट पर खुद पप्पू यादव चुनाव मैदान में होंगे। पूर्णिया में पप्पू का मुकाबल जदयू प्रत्याशी के साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी से होगा, जबकि मधेपुरा में उनका मुकाबला राजद प्रत्याशी शरद यादव से होगा।

गौरतलब है कि पप्पु यादव ने पिछला चुनाव मधेपुरा सीट से राजद के टिकट पर लड़ा था और चुनाव जीते भी थे। मगर बाद में तेजस्वी को राजद में बड़ी जिम्मेदारी देन के सवाल पर राजद से अलग संगठन बना लिया था।

अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार मधेपुरा और पूर्णिया के साथ ही बिहार के भागलपुर, खगडिय़ा, सीतामढ़ी और अररिया सीट पर जाप प्रत्याशी चुनाव मैदान में होंगे। सूत्रों ने बताया है कि अररिया सीट पर प्रिंस विक्टर या किसी अल्पसंख्यक को टिकट देने पर विचार हो रहा है। अररिया सीट से 2014 में राजद प्रत्याशी तस्लीमुद्दीन ने जीत दर्ज की थी। उनके निधन के बाद पिछले वर्ष हुए उपचुनाव में उनके पुत्र सरफराज आलम ने राजद से चुनाव जीता था।


वहीं अगर भागलपुर सीट की बात करें तो वहां पर अभी राजद के बुलो मंडल का कब्जा है, वहां से से चक्रपाणि हिमांशु के टिकट की दावेदारी तय मानी जा रही है। साथ ही साथ खगडिय़ा सीट पर भी दो नाम मनोहर यादव और नागेंद्र त्यागी की चर्चा चल रही है। पिछले चुनाव में खगडिय़ा सीट से लोजपा प्रत्याशी महबूब अली कैसर जीते थे, जबकि सीतामढ़ी सीट पर राघवेंद्र कुशवाहा और महेंद्र यादव रेस में आगे बताए जा रहे हैं। सीतामढ़ी सीट पर फिलहाल रालोसपा का कब्जा है। पिछले चुनाव में रालोसपा के राम कुमार शर्मा ने यहां से चुनाव में जीत दर्ज की थी।


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