केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार द्वारा उत्तर भारतीयों को लेकर दिए अपने बयान पर विवाद थमता नहीं दिख रहा है। विपक्षी दलों के निशाने पर आने के बाद अब उन्हें अपने सहयोगीयों का भी विरोध झेलना पड़ रहा है। बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू ने भी केंद्रीय मंत्री के बयान का विरोध जताया है। जदयू ने कहा कि जिम्मेदार लोगों को सोच समझ कर ही जुबान खोलना चाहिए।
बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री और जदयू नेता अशोक चौधरी ने ट्वीट किया, “उत्तर भारतीय सर्वथा योग्य,सक्षम,समर्थ,ज्ञानी होते हैं।इनकी योग्यता में कोई कमी नहीं। भगवान राम, कृष्ण, बुद्ध, कबीर,रविदास,तुलसीदास,कालिदास, सूरदास आदि के ज्ञान की तुलना किससे हो सकती है! उनके वंशज अयोग्य कैसे हो सकते हैं? बहरहाल,जिम्मेदार लोगों को सोच-समझ कर ही जुबान खोलना चाहिए।”
उत्तर भारतीय सर्वथा योग्य,सक्षम,समर्थ,ज्ञानी होते हैं।इनकी योग्यता में कोई कमी नहीं। भगवान राम, कृष्ण, बुद्ध, कबीर,रविदास,तुलसीदास,कालिदास, सूरदास आदि के ज्ञान की तुलना किससे हो सकती है! उनके वंशज अयोग्य कैसे हो सकते हैं?
बहरहाल,जिम्मेदार लोगों को सोच-समझ कर ही जुबान खोलना चाहिए
— Dr. Ashok Choudhary (@AshokChoudhaary) September 16, 2019
क्या था श्रम मंत्री ने
दरअसल मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर बरेली में 14 सितंबर को केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे। इस दौरान जब मंत्री से देश में बेरोजगारी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “देश में रोजगार की कोई समस्या नहीं है। जो भी कंपनियां रोजगार देने आती हैं, उनका कहना कि उन युवाओं में योग्यता नहीं है।” उन्होंने कहा, “देश में आर्थिक मंदी की बात तो समझ में आ रही है, लेकिन रोजगार की कमी की नहीं।”
73 फीसदी लोग मानते, देश सही दिशा में बढ़ रहा, वहीं बेरोजगारी भारतीयों की सबसे बड़ी चिंता: सर्वेक्षण