बिहार: शेल्टर होम केस में CBI ने सौंपी रिपोर्ट, 25 डीएम समेत 71 अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश

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बिहार: शेल्टर होम केस में CBI ने सौंपी रिपोर्ट, 25 डीएम समेत 71 अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश

बिहार के 17 शेल्टर होम में यौन शोषण और प्रताड़ना के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सीबीआई ने राज्य के 25 डीएम समेत 71 सरकारी अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की है। मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने इन सभी सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए बिहार के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। हालांकि इन अफसरों का नाम सामने नहीं आया है।

इसके अलावा सीबीआई ने राज्य के 52 निजी व्यक्तियों व एनजीओ को भी तत्काल प्रभाव से ब्लैकलिस्ट कर उनका रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाने की अनुशंसा की है। वहीं सीबीआई ने चार आश्रय घरों के खिलाफ अपनी प्रारंभिक जांच में किसी भी अपराध का कोई सबूत नहीं पाया है और इस तरह किसी के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।


सीबीआई ने कहा है कि मुख्य मामले में दिल्ली का साकेत कोर्ट 14 जनवरी को फैसला सुना सकता है। अदालत ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम दुष्कर्म मामले में फैसले को 14 जनवरी तक के लिए टाल दिया था। मुख्य मामले में पूर्व विधायक बृजेश ठाकुर समेत अन्य आरोपी हैं। आरोपियों में उसके शेल्टर होम के कर्मचारी व बिहार डिपार्टमेंट ऑफ सोशल वेलफेयर के अधिकारी शामिल हैं। बृजेश ठाकुर द्वारा चलाए जा रहे आश्रय गृह बालिका गृह में 40 से अधिक नाबालिग लड़कियों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था।

आपको बता दें कि कोर्ट ने मामले में 30 सितंबर को अंतिम बहस पूरी कर ली थी और मामले में अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने आरोपी व्यक्तियों पर आपराधिक साजिश के साथ दुष्कर्म और अलग-अलग अरोप लगाए हैं। बिहार पीपुल्स पार्टी के पूर्व विधायक ब्रजेश ठाकुर पर पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं। यह मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक रिपोर्ट के बाद सामने आया था।

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट के आधार पर ही मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में रह रही बच्चियों को पटना और मोकामा के साथ अन्य बालिका गृह में ट्रांसफर किया गया और साथ ही अनियमितता को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में पिछले साल हड़कंप तब मचा जब मेडिकल रिपोर्ट में 42 में से 34 बच्चियों से दुष्कर्म की पुष्टि हो गई। दुष्कर्म का एंगल सामने आने के बाद यह मामला इतना बढ़ गया कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद इस पूरे मामले को ही बिहार से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया।


कहां के बालिकागृह और किन पर कार्रवाई

1. चिल्ड्रन होम फोर ब्वायज, गया- 2 डीएम, 1 सरकारी अधिकारी और 13 चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के सदस्य व प्राइवेट व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश
2. चिल्ड्रन होम फोर ब्वायज, भागलपुर- 2 डीएम, 3 सरकारी अधिकारी और 6 प्राइवेट व्यक्ति ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश
3. शार्ट स्टे होम, मुंगेर- यहां पर अधिकारियों को इंस्पेक्शन के संबंध में विशेष निर्देश दिए जाने की जरूरत है।
4. चिल्ड्रन होम फोर ब्वायज, मुंगेर- 1 डीएम और 2 प्राइवेट लोगों को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश।
5. शार्ट स्टे होम, पटना – 1 डीएम, 2 सरकारी अधिकारी और 3 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश।
6. कौशल कुटीर, पटना- एक सरकारी अधिकारी।
7. चिल्ड्रन होम फोर ब्वायज, मोतिहारी – 2 डीएम।
8. शार्ट स्टे होम, मोतिहारी – 5 डीएम, 5 सरकारी अधिकार और 1 एनजीओ सखी को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश।
9. शार्ट स्टे होम, कैमूर- 7 डीएम, 11 सरकारी अधिकारी और 1 ब्लैकलिस्ट की सिफारिश।
10. शार्ट स्टे होम, मधेपुरा- 1 डीएम और 5 सरकारी अधिकारी।
11. आब्जर्वेशन होम, अररिया- 1 डीएम और 5 सरकारी अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश हुई है।

इन 4 के खिलाफ सबूत न मिलने पर केस दर्ज नहीं, अधिकारियों पर कार्रवाई

1. स्पेशलाइज्ड अडोप्शन एजेंसी, मधुबनी- 2 डीएम, 5 सरकारी अधिकारी पर कार्रवाई की सिफारिश।
2. स्पेशलाइज्ड अडोप्शन एजेंसी, पटना- 1 डीएम, 5 अधिकारी पर कार्रवाई की अनुशंसा।
3. स्पेशलाइल्ड अडोप्शन एजेंसी, कैमूर- 3 सरकारी अधिकारी और 13 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश।
4. सेवा कुटीर, गया- 4 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश।


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