नालंदा: नाबालिग चोर की कहानी सुनकर पसीजा जज का दिल, गुनाह माफ कर दिलवाए कपड़े और राशन

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नालंदा: नाबालिग चोर की कहानी सुनकर पसीजा जज का दिल, गुनाह माफ कर दिलवाए कपड़े और राशन

कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण देश के लाखों गरीबों के सामने रोजी-रोटी का संकट है। इस लॉकडाउन में गरीबी और भूख की समस्या की ऐसी दर्दनाक तस्वीरें सामने आई हैं जो सरकार, समाज और इंसान के तौर पर हमें सोचने को मजबूर कर देती हैं। इस मुश्किल घड़ी में कई लोग जरूरतमंद और बेसहारा गरीबों की मदद के लिए सामने भी आ रहे हैं। लेकिन पिछले दिनों बिहार के नालंदा से एक चोर की ऐसी कहानी सामने आई है जिसे जानकर आपकी आँखें नम हो जाएंगी। चोरी के आरोप में गिरफ्तार इस बच्चे की दास्तां सुनकर एक जज का दिल पसीज गया और उन्होंने उसे सजा की बजाय कपड़े और पैसे दिला दिए।

बाजार में महिला का पर्स छीनकर भागा था नाबालिग

दरअसल, इस्लामपुर पुलिस ने एक स्थानीय बाजार में खरीदारी करने के दौरान एक महिला का पर्स छीन लेने पर किशोर को पकड़ा था। किशोर की पहचान बाजार में लगे सीसीटीवी की मदद से हुई थी। इसके बाद बिहारशरीफ में पुलिस ने उसे किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Board) के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा के समक्ष पेश किया था। पेशी के दौरान किशोर से बात करने पर जज को पता चला कि उसके घर में मानसिक रूप से कमजोर उसकी विधवा मां और छोटा भाई है, जिन्हें लॉकडाउन के कारण कई दिन से भोजन नहीं मिला है। जज को जब पता चला कि किशोर ने भूख से तड़प रही अपनी मां के लिए खाना जुटाने के लिए चोरी की तो तो वह भावुक हो गए।


नालंदा: नाबालिग चोर की कहानी सुनकर पसीजा जज का दिल, गुनाह माफ कर दिलवाए कपड़े और राशन

जज मिश्रा ने उसे चोरी के आरोप से मुक्त करते हुए प्रशासन को कहा कि वह तुरंत किशोर के परिवार को राशन और कपड़े उपलब्ध कराए। दंडाधिकारी मिश्रा ने 17 अप्रैल को अधिकारियों को लड़के की मजबूरी को समझते हुए उसे आरोप मुक्त किया। जज ने उसके परिवार को सरकारी योजनाओं के तहत कपड़े, राशन आदि की हर संभव सहायता प्रदान करने तथा पुलिस को चार महीने बाद प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा जज ने बीडीओ को परिवार को राशन कार्ड, सभी सदस्यों के आधार कार्ड, किशोर की मां को विधवा पेंशन, गृह निर्माण के लिए अनुदान राशि समेत सभी जरूरी दस्तावेज तैयार कराने के लिए कहा।

किशोर के पिता दुनिया में नहीं, मां विक्षिप्त

नालंदा: नाबालिग चोर की कहानी सुनकर पसीजा जज का दिल, गुनाह माफ कर दिलवाए कपड़े और राशन


नाबालिग अपनी मां और भाई के साथ नालंदा जिले के इस्लामपुर थाना अंतर्गत खटोलना बिगहा गांव में एक छोटे से फूस के घर (कच्ची झोपड़ी) में रहता है। किशोर के पिता की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है। इसके बाद उसकी मां विक्षिप्त हो गई। मां की स्थिति ऐसी है कि वह पूरी तरह से बेटे पर निर्भर है। किशोर का एक छोटा भाई भी है। परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी किशोर पर है। परिवार एक झोपड़ीनुमा घर में रहता है और उनके सामने खाने-पीने का संकट है।

अदालत के फैसले की हो रही तारीफ

अदालत के निर्देश के बाद इस्लामपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रियदर्शी राजेश किशोर के गांव पहुंचे और उसे सभी सरकारी योजनाओं के साथ परिवार को सक्षम करने के लिए दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने के अलावा भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान की। नाबालिग को अपने में सुधार लाने का मौका देने के लिए अदालत की प्रशंसा कर रहे हैं।


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