केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी CBDT का कहना है कि इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए आधार-पैन लिंकिंग “अनिवार्य” है और इस प्रक्रिया को इस साल 31 मार्च तक “पूरा” किया जाना जरूरी है।
CBDT ने गुरुवार को जारी एक एडवाइजरी में सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2018 को दिए फैसले में आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। वहीं इस फैसले के बाद आयकर कानून 1961 की धारा-139एए के तहत CBDT के दिए 30 जून, 2018 को जारी आदेश मान्य हो जाता है। जिसके बाद 31 मार्च 2018 तक आधार-पैन कार्ड को जोड़ना अनिवार्य है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 6 फरवरी को दिए अपने आदेश में पुष्टि की थी कि पैन कार्ड के साथ आधार को लिंक करने के बाद ही आयकर रिटर्न भरी जा सकती है। उच्चतम न्यायालय ने दोबारा यह फैसला दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ केंद्र की याचिका पर दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में दो लोगों को 2018-19 का आयकर रिटर्न पैन को आधार से लिंक बिना फाइल करने की अनुमति दी थी।
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि शीर्ष अदालत पहले ही इस मामले पर फैसला की है और उसने उसने आयकर की धारा 139एए को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 26 सितंबर को केंद्र की आधार योजना को संवैधानिक मान्यता देते हुए कुछ मामलों में जिनमें बैंक खातों, मोबाइल फोनों और स्कूलों में एडमिशन जैसे कुछ कामों में आधार जरूरी देने वाले प्रावधानों को रद्द कर दिया था।
पूर्व CBDT सुशील चंद्रा ने इस माह की शुरुआत में एक आयोजन में कहा था कि अब तक इनकम टैक्स विभाग 42 करोड़ पैन कार्ड जारी कर दिए हैं, जिसमें से सिर्फ 23 करोड़ पैन नंबर ही आधार से लिंक कराए जा सके हैं। उन्होंने कहा था कि आधार-पैन कार्ड से लिंक हैं और पैन कार्ड बैंक अकाउंट से लिंक है। पैन को आधार से लिंक करवाने के बाद हमें खर्च करने का तरीका और दूसरी जानकारियां जैसे डुप्लीकेट पैन कार्डों के बारे में भी पता चल जाएगा।