CBI को भी लेनी पड़ती है इन राज्यों में इजाजत, जानें क्या है धारा-5 और 6

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पश्चिम बंगाल के चर्चित सारदा चिटफंड मामले में पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर पहुंची CBI  के साथ हुए टकराव के बाद संसद से लेकर सड़क तक संग्राम छिड़ा हुआ है। विपक्ष भी ममता बनर्जी के साथ मजबूती से खड़ा है और केंद्र सरकार पर CBI के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है। यह पहला मामला है जब CBI और किसी राज्य की पुलिस के बीच सीधा टकराव हुआ हो। गौरतलब है कि CBI गठन के कानून के मुताबिक किसी भी राज्य में उसकी कार्रवाई से पहले वहां की अनुमति लेने का प्रावधान है। CBI का गठन दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम-1946 के तहत हुआ है। इस अधिनियम की धारा-5 के मुताबिक देश के सभी क्षेत्रों में CBI को जांच का अधिकार दिया गया है, लेकिन इसी के साथ ही धारा-6 में साफ कहा गया है कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना CBI उस राज्य के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकती है।

इन राज्यों में है रोक


कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने धारा-6 का इस्तेमाल करते हुए बिना उनकी इजाजत के CBI की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। इस रोक के मुताबिक केंद्रीय अधिकारियों, सरकारी उपक्रमों और निजी व्यक्तियों की जांच सीधे नहीं कर सकेगी। हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद राज्य का आदेश रद्द किया जा सकेगा।

इससे पहले CBI रविवार को चिटफंड घोटाला मामले में पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर पहुंची थी। जहां पर उसका कोलकाता पुलिस से टकराव हो गया और पूरी टीम को हिरासत में ले लिया गया और इसके बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट में CBI की याचिका पर अदालत ने कहा है कि कमिश्नर के खिलाफ सबूत नष्ट करने के सबूत पेश करे और मामले की सुनवाई अब 5 फरवरी को होगी।


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