नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी की पूर्व निदेशक चंद्रिमा शाहा को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (INSA) का पहला महिला अध्यक्ष चुना गया है। इंसा की वेबसाइट के मुताबिक शाहा 2020 से अपना कार्यभार संभालेंगी। विज्ञान अकादमी के 85 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब कोई महिला इस पद के लिए चुनी गई हैं।
फोटाग्राफर पिता और पेंटर मां के घर हुआ जन्म
फोटोग्राफर शम्भू साहा और पेंटर करुणा साहा के घर 14 अक्टूबर 1952 को चंद्रिमा साहा का जन्म हुआ। शम्भू साहा पेशेवर फोटोग्राफर थे और नोबेल विजेता रवीन्द्रनाथ ठाकुर के आखिरी दिनों की तस्वीरें खींचकर मशहूर हुए थे। चंद्रिमा की मां कलकत्ता के आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स कॉलेज में पढ़ाई करने वाली शुरुआती महिलाओं में से एक थी। पेंटिंग के क्षेत्र में उनका अपना स्थान है। ब्रिटिश भारत में उन्होंने यूनियन जैक खींचकर उतार दिया था। जिसकी वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
कलकत्ता और अमेरिका में की पढ़ाई
चंद्रिमा साहा ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से ग्रुजुएशन और मास्टर्स तक की पढ़ाई की है। 1980 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल बायोलॉजी में उनकी रिसर्च पूरी हुई। उसी साल आगे की पढ़ाई और शोध के लिए चंद्रिमा अमेरिका की कंसास विश्वविद्याय का रुख किया। उसके बाद पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च के लिए 1984 तक न्यूयॉर्क में रहीं।
Congratulations Dr. Chandima Shaha, President-elect ( 2020) @insa_academy . Known for her laboratory’s work on cell-death in the context of parasitic diseases. Dr. Shaha is a former Director of @NImmunology . First woman President in @insa_academy >80 years. pic.twitter.com/7bOFJqRe9G
— Principal Scientific Adviser, Govt. of India (@PrinSciAdvGoI) August 3, 2019
कभी पुरुष साथी करते थे नजरअंदाज
चंद्रिमा साहा ने अपना मुकाम हासिल करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। एक समय था जब शोध और विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं के लिए रास्ते इतने आसान नहीं थे। द प्रिंट से बातचीत में उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों की यादें साझा की। उन्होंने कहा- “तब कोई भी महिला वैज्ञानिकों से हाथ तक नहीं मिलाता था। उन्हें उनके पुरुष साथी पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया करते थे।” इन सबके बावजूद साहा ने कभी अपना सपना पीछे नहीं छोड़ा। अब जाकर परिस्थितियां बदली हैं।
क्या है INSA?
इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी (INSA) की स्थापना 1935 में हुई थी। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य देशभर में विज्ञान का प्रचार-प्रसार करना था। देश में विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे बेहतरीन कामों को दुनिया में पहुंचाने का काम INSA करती है। पहले इस संस्था का नाम नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेस ऑफ इंडिया था जिसे फरवरी 1970 में बदलर INSA कर दिया गया।