नागरिकता संशोधन बिल पर नीतीश कुमार की पार्टी में फूट, पीके के बाद कई JDU नेताओं ने उठाई आवाज

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लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) के समर्थन पर नीतीश कुमार की पार्टी में विरोध के स्वर मुखर हो गए हैं। जेडीयू के कई बड़े नेता नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ खुलेआम बयान दे रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी के कई वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि राज्य सभा में जेडीयू इस बिल का समर्थन न करे। राज्यसभा के एक सांसद की इच्छा है कि पार्टी को वोटिंग के दौरान ऊपरी सदन से वाक आउट करना चाहिए। याद रहे कि तीन तलाक और धारा 370 पर आए बिल पर भी जेडीयू ने लोकसभा में ऐसा ही किया था।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल पर जेडीयू के अंदर सबसे पहले विरोध की आवाज पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने उठाई। पीके ने ट्विटर पर पार्टी नेतृत्व से अपनी नाराज़गी जाहिर कर दी। उन्होंने बिल को समर्थन के फैसले को पार्टी के संविधान के खिलाफ करार दिया। खबर है कि ट्वीट करने से पहले पीके ने जेडीयू के कई नेताओं से बातचीत भी की। इनमें से अधिकतर नेता बिल के विरोध में थे। लेकिन किसी ने नीतीश कुमार के निर्णय के ख़िलाफ बोलने की हिम्मत नहीं दिखाई। तब जाकर प्रशांत किशोर ने सोशल मीडिया के जरिये अपनी बात रखी। इसके बाद कई अन्य नेताओं ने भी बोलना शुरू किया।


जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव पवन कुमार वर्मा ने भी नीतीश कुमार से इस कदम पर पुनर्विचार करने की अपील की है। पार्टी के राज्यसभा सांसद रह चुके पवन वर्मा का मानना है कि बिल का समर्थन कर पार्टी ने गलती की है। एबीपी न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, नीतीश सरकार में बिजली मंत्री बिजेंद्र यादव ने भी कहा कि हम सब तो शुरूआत से इस बिल के विरोध में रहे हैं। फिर समर्थन का फ़ैसला कब और कैसे हो गया, पता ही नहीं चला। पिछले साल सितंबर महीने में जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में खुद नीतीश कुमार ने मंच से इसका विरोध किया था। कार्यकारिणी में विरोध का प्रस्ताव आम सहमति से पास हुआ था।

वहीं, बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा कि इस बिल को समर्थन देने पर पार्टी में कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल हमारी पार्टी के डीएनए से मैच नहीं करता है। रिपोर्ट के मुताबिक जेडीयू के एक सांसद लोकसभा में बिल का समर्थन कर चुके हैं। लेकिन वे भी इसे सही नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि नीतीश जी को अपने फ़ैसले पर विचार करना चाहिए।



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