लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में महज 9 दिन रह गए हैं और चुनाव प्रचार जोर-शोर से जारी है। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राहुल गांधी तक सभी छोटे-बड़े नेता ताबड़तोड़ प्रचार में जुटे हुए हैं। मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए लगातार वादे किये जा रहे हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी करेगी।
राहुल गांधी मंगलवार की दोपहर कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करेंगे, जिसमें न्यूनतम आय योजना (न्याय) और स्वास्थ्य के अधिकार के साथ किसान की कर्ज माफी, नीति आयोग को खत्म करने से लेकर दलितों एवं ओबोसी समुदायों के लिए कई प्रमुख वादे हो सकते हैं। इस मौके पर कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष पी चिदंबरम और दूसरे वरिष्ठ नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में ‘न्याय’ योजना के तहत गरीबों को 72,000 रुपये सालाना देने के वादे के साथ-साथ कुछ अन्य अहम वादों को भी जगह मिल सकती हैं। इसके अलावा राहुल गांधी ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बजट बढ़ाने का वादा किया है। पार्टी इस बार किसानों के लिए कर्जमाफी की घोषणा करने के साथ ही स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के मुताबिक, न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का वादा कर सकती है। कांग्रेस के अन्य वादों में सबके लिए स्वास्थ्य सेवा का अधिकार, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के बेघर लोगों को जमीन का अधिकार, पदोन्नति में आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन करना और महिला आरक्षण विधेयक को पारित करना आदि शामिल हैं।
घोषणापत्र में इन बड़े वादों पर होगा जोर…
22 लाख सरकारी नौकरियां
राहुल गांधी अपने घोषणापत्र में 22 लाख सरकारी नौकरियों की रिक्तियों को भरने के वादे को शामिल कर सकते है। गौरतलब है कि उन्होंने रविवार को कहा था कि करीब 22 लाख सरकारी नौकरी की रिक्तियां हैं, जिन्हें उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर अगले साल 31 मार्च तक भरा जाएगा। राहुल गांधी ने इस संबंध में ट्वीट किया था, ‘आज सरकार में 22 लाख नौकरी की रिक्तियां हैं। हम 31 मार्च 2020 तक इन रिक्तियों को भरेंगे।’ उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के लिए केंद्र द्वारा प्रत्येक राज्य सरकार को धनराशि हस्तांतरण को भरे जाने वाले इन रिक्त पदों से जोड़ा जाएगा।
(न्याय) न्यूनतम आय योजना
कांग्रेस अपने घोषणापत्र में न्यूनतम आय योजना(न्याय) के वादे को भी शामिल कर सकते हैं। राहुल गांधी ने बीते दिनों यह वादा किया था कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में वापस आती है तो न्यूनतम आय योजना के तहत 20 प्रतिशत सबसे गरीब भारतीय परिवारों के खाते में हर साल 72,000 रुपये जमा किए जाएंगे। इस संबंध में कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आगे कहा था कि यह योजना महिला केंद्रित है। यह धनराशि सीधे घरों की महिलाओं के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
महिला आरक्षण बिल
कांग्रेस के घोषणापत्र में महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत के आरक्षण के वादे पर भी जोर दिया जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान में एक रैली को संबोधित हुए कहा था कि कांग्रेस सत्ता में आई तो लोकसभा-विधानसभा चुनाव में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू किया जाएगा। साथ ही केंद्र सरकार की नौकरियों में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। राहुल गांधी ने कहा था, ‘हम संसद और विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का काम करेंगे। 2019 का चुनाव जीतने के बाद 33 प्रतिशत आरक्षण हम आपको दे देंगे और केंद्र सरकार में 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को रोजगार में दिया जाएगा।’
शिक्षा पर GDP का 6% खर्च
राहुल गांधी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि लोकसभा चुनाव 2019 जीतने के बाद कांग्रेस अगर सत्ता में आती है तो हमारी सरकार जीडीपी का 6 प्रतिशत पैसा शिक्षा पर लगाएगी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद नए कॉलेज-यूनिवर्सिटी बनाएंगे। स्कॉलरशिप देंगे। नए अस्पताल देंगे। कांग्रेस के घोषणापत्र में राहुल गांदी के इस वादे पर भी पूरा जोर रहने की उम्मीद है।
असली GST का वादा
कांग्रेस के घोषणापत्र में जीएसटी को नए तरीके से लाने के वादे पर भी जोर होगा। इस संबंध में राहुल गांधी ने कहा था भाजपा की सरकार ने लोगों को नोटबंदी और ‘गब्बर सिंह टैक्स’ की चपत लगाई, जबकि उनकी पार्टी सत्ता में आने पर ‘न्याय’ यानी न्यूनतम आय गारंटी योजना और असली जीएसटी लाएगी। राहुल ने ट्वीट किया था, “उन्होंने नोटबंदी की और गब्बर सिंह टैक्स थोपा। हम न्याय और असली जीएसटी लाएंगे।”
नीति आयोग होगा खत्म
राहुल गांधी ने बीते दिनों ट्वीट कर कहा था कि कांग्रेस अगर सत्ता में वापस आती है तो नीति आयोग को खत्म कर, योजना आयोग को फिर से बहाल कर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि नीति आयोग के पास प्रधानमंत्री के लिए मार्केटिंग करने और फर्जी आंकड़े तैयार करने के सिवाय कोई काम नहीं हैं।