उत्तराखंड के देहरादून में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बोर्डिंग स्कूल में दो सीनियर छात्रों ने 12 साल के एक बच्चे की क्रिकेट बैट और विकेट से पीट-पीटकर हत्या कर दी, लेकिन स्कूल प्रशासन ने कथित तौर पर न तो पुलिस को इस बारे में बताया और न ही बच्चे के माता-पिता को इसकी जानकारी दी। इतना ही नहीं, स्कूल प्रशासन ने बच्चे का शव भी आनन-फानन में स्कूल परिसर में दफना दिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भी नहीं भेजा।
दो छात्रों और तीन स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस ने मामले में दोनों आरोपी छात्रों के खिलाफ दफा 302 के तहत मामला दर्ज किया है, वहीं स्कूल प्रशासन के तीन कर्मचारियों हॉस्टल मैनेजर वॉर्डन और स्पोर्ट्स टीचर पर अपराध के सबूत मिटाने के जुर्म में सेक्शन 201 तहत केस दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी छात्रों ने मृतक छात्र पर आरोप लगाया था कि जब वह बाहर गए थे तब उसने बिस्किट का पैकेट चुराया था। इसके बाद दोनों ने क्लासरूम में पीड़ित की बैट और विकेट से खूब पिटाई की।
प्रशासन के शर्मनाक रवैया
इस मामले में जो सनसनीखेज खुलासा हुआ है, वह पूरे मामले में स्कूल प्रशासन के शर्मनाक रवैया को दर्शाता है। 12 साल के छात्र वासु यादव की हत्या मंगलवार को हुई थी। 12वीं के दो छात्रों ने क्रिकेट बैट और विकेट से उसकी हत्या कर दी थी। देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि मामले में स्कूल प्रशासन की ओर कई तरह की चूक सामने आई है। उन्होंने कहा कि छात्र को न सिर्फ देर से अस्पताल ले जाया गया बल्कि स्कूल स्टाफ ने मामले को छिपाने की भी कोशिश की है। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दिए बिना छात्र को कैंपस में ही दफना दिया। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन उषा नेगी ने बताया कि उनके हस्तक्षेप की वजह से ही मामला प्रकाश में आ पाया है।