दिल्ली के कई अस्पतालों में वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड की कमी

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नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फिलहाल कोरोनावायरस संक्रमण की एक और लहर देखी जा रही है। इस बीच शहर के कई निजी अस्पतालों और दो सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर के साथ कोई आईसीयू बेड नहीं बचा है, जो गंभीर रोगियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

दिल्ली सरकार की एप्लिकेशन के अनुसार, शहर भर में लगभग 68 प्रतिशत वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड भरे हुए हैं, जबकि बिना वेंटिलेटर के 69 प्रतिशत आईसीयू बेड भरे हुए हैं। हालांकि इसमें एक सुकून की बात यह भी है कि सामान्य कोविड-19 बेड के केवल 42 प्रतिशत ही फिलहाल उपयोग में हैं।


राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना की तैयारियों की जांच करने के लिए दिल्ली सरकार की गठित समिति के सदस्य डॉ. आर. के. गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, हां, यह बहुत ही चिंताजनक है। अमेरिका की तरह सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में हमारे पास बेहतर बुनियादी ढांचा होना चाहिए। दूसरी बात यह कि अस्पताल सामान्य रोगियों के लिए उपलब्ध बिस्तरों की संख्या को कोविड रोगियों के लिए डायवर्ट कर सकते हैं। यही सब है, जो हम इस स्थिति में कर सकते हैं।

कोरोनावायरस से संबंधित जानकारी के लिए सरकार के मोबाइल एप के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,244 में से वेंटिलेटर के साथ लगभग 399 आईसीयू बेड खाली हैं। वहीं वेंटिलेटर के बिना कुल 1,921 में से 604 आईसीयू बेड खाली हैं। इसके अलावा 15,790 में से 9,076 सामान्य कोविड-19 बेड उपलब्ध हैं।

यह भी चिंताजनक बात है कि दिल्ली के 38 निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर के साथ कोई भी आईसीयू बेड खाली नहीं है। दिल्ली सरकार के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल और केंद्र सरकार के उत्तर रेलवे अस्पताल में भी वेंटिलेटर के साथ कोई भी आईसीयू बेड खाली नहीं है।


केंद्र सरकार के अस्पतालों जैसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्थिति और भी खराब है, जहां वेंटिलेटर वाले 50 आईसीयू बेड में से केवल पांच ही खाली हैं। इसके अलावा बड़े सरकार अस्पतालों में शुमार सफदरजंग अस्पताल में ऐसे 54 में से केवल एक ही बिस्तर खाली है।

दिल्ली सरकार के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में 200 में से केवल छह आईसीयू-वेंटिलेटर बेड उपलब्ध हैं, जबकि जीटीबी अस्पताल में वेंटिलेटर वाले 128 आईसीयू बेड में से केवल 18 ही खाली हैं।

मैक्स हेल्थकेयर के प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि व्यस्तता अधिक है, लेकिन बेड की कोई कमी नहीं है। वहीं इस संबंध में फोर्टिस अस्पताल से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।

दिल्ली में लगातार पांच दिनों तक 5,000 से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। 30 अक्टूबर को यहां 5,891 नए मामले दर्ज किए थे, जो अब तक के उच्चतम दैनिक मामले हैं।

–आईएएनएस

एकेके/आरएचए

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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