जम्मू-कश्मीर में पूर्व सीएम और नैशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला की हिरासत शनिवार को तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई है। वह 5 अगस्त से ही हिरासत में हैं। इसी दिन जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाया गया था। उनके घर को अस्थायी जेल घोषित किया गया है। फारूक अब्दुल्ला की हिरासत अवधि बढ़ाने के फैसले पर राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट का दर्द छलका है। उन्होंने कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति की हिरासत बढ़ाना, जिसने हमेशा भारत का समर्थन किया है और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी जम्मू-कश्मीर पर भारत के रुख का समर्थन किया है, वो परेशान करने वाला है। इस कदम से निश्चित रूप से दिल नहीं जीता जा सकता और न ही विश्वसनीयता कायम की जा सकती है।
This continued detention of someone who has unequivocally supported India and its stand on J&K even on international forums, is disturbing, to say the least. This action certainly won’t win hearts or lend credibility in any way https://t.co/grdcTnuskg
— Sachin Pilot (@SachinPilot) December 14, 2019
बता दें कि सचिन पायलट, फारूक अब्दुल्ला के दामाद हैं। फारूक अब्दुल्ला तीन बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में श्रीनगर से सांसद हैं। पीएसए के तहत सरकार किसी शख्स को बिना ट्रायल के छह महीने से दो साल की समयावधि के लिए हिरासत में रख सकती है।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 से जुड़े उन प्रावधानों को हटा दिया गया है जिसके तहत इसे विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था। इसके साथ ही इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में भी विभाजित कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में एमडीएमके नेता वाइको ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि फारूक को अवैध तरीके से हिरासत में लिया गया है। इसके कुछ घंटे पहले फारूक के खिलाफ 17 सितंबर को पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट (पीएसए) लगाया गया था। वहीं जम्मू कश्मीर में भाजपा की सहयोगी रही पीडीपी के एक सांसद ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत नजरबंद अन्य नेताओं को रिहा करने की मांग की थी। उन्होंने शाह से घाटी के लोगों के मन में बैठे डर को भी दूर करने की अपील की थी।