निजामुद्दीन मरकज तबलीगी जमात क्या है, कैसे करती है काम, यहां जानें

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निजामुद्दीन मरकज तबलीगी जमात क्या होती है?, कैसे करती है काम?, यहां जानें

देशभर के अन्य राज्यों के साथ-साथ कोरोना वायरस के मामले दिल्ली में भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। तेलंगाना 6 और एक श्रीनगर से कोरोना संक्रमण से सोमवार तक कुल 7 लोगों की मौत हो गई है। ये लोग दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) स्थित ‘तबलीगी जमात’ के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

इस जमात में कई देशों के लोग शामिल हुए थे। इसी के मद्देनजर मंगलवार (31मार्च) की सुबह ‘तबलीगी जमात’ (Tablighi Jamaat) के दिल्ली मुख्यालय, मरकज निजामुद्दीन को सील कर दिया गया, साथ ही दिल्ली सरकार ने निजामुद्दीन बिल्डिंग के लगभग 1034 लोगों को अस्पताल और आइसोलेशन वार्ड के लिए भेज दिया है।


मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक, दिल्ली की निमाजुद्दीन मकरज (Nizamuddin Markaz) को विशेष महत्व दिया जाता है। यहां पर दुनियाभर के लिए इस्लाम धर्म के शिक्षाओं का प्रसार करने के लिए जमात निकाली जाती है। हालांकि ये मरकज दुनियाभर में बहुत फेमस है लेकिन यहां पर कोरोना के चलते 7 लोगों की मौत के बाद कई लोगों की मन ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि यहां पर लोग क्यों जुड़ते हैं। ऐसे में हम आपको ये इसकी जानकारी दे रहे हैं।

निजामुद्दीन मरकज को 1926-1927 बनाया गया था

भारत में मुगल काल में कई लोगों ने इस्लाम धर्म कबूल किया था। लेकिन फिर भी वो लोग हिंदू परंपरा और रीति-रिवाज अपना रहे थे। भारत में अंग्रेजों की हुकूमत आने के बाद आर्य समाज ने उन्हें दोबारा से हिंदू बनाने का शुद्धिकरण अभियान शुरू किया था, जिसके चलते मौलाना इलियास कांधलवी ने इस्लाम की शिक्षा देने का काम शुरू किया था। जिसके बाद 1926-27 दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित मस्जिद में कुछ लोगों के साथ तबलीगी जमात का गठन किया। इसे मुसलमानों को अपने धर्म में बनाए रखना और इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार और इसकी जानकारी देने के लिए शुरू किया था।

तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) का क्या मतलब होता है?

तबलीगी का मतलब होता है अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला शख्स। जमात का मतलब होता है समूह, यानी अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला समूह। मरकज का मतलब मीटिंग। दरअसल, तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) से जुड़े लोग पारंपरिक इस्लाम को मानते हैं और इसी का प्रचार-प्रसार करते हैं।


तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) कितने दिन की, कहां और क्यों निकलती है?

तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के मरकज से ही अलग-अलग हिस्सों के लिए तमाम जमातें निकलती हैं। इनमें कम से कम तीन दिन, सात दिन, दस दिन, 40 दिन और चार महीने की जमातें निकलती हैं। तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के एक जमात (समूह) में आठ से दस लोग शामिल होते हैं।

इनमें दो लोग सेवा के लिए होते हैं जो कि खाना बनाते हैं। जमात में शामिल लोग सुबह-शाम शहर में निकलते हैं और लोगों और दुकानदारों से नजदीकी मस्जिद में पहुंचने के लिए कहते हैं। सुबह 10 बजे ये हदीस पढ़ते हैं और नमाज पढ़ने और रोजा रखने पर इनका ज्यादा जोड़ होता है।


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