इस्लामिक बैंक के नाम पर मुस्लिमों के साथ ठगी, 1500 करोड़ का चूना लगाकर फरार हुआ आरोपी

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करीब 30 हजार मुस्लिमों को इस्लामिक बैंक के नाम पर चूना लगाने वाला मोहम्मद मंसूर खान करीब 1500 करोड़ की धोखाधड़ी कर दुबई भाग गया है। लोगों को बड़े रिटर्न का वादा कर उसने कई सपने दिखाए, जिसके बाद वो खुद फरार हो गया। आपको बता दें कि इस मामले में  कर्नाटक पुलिस ने एसआईटी का गठन किया है और  इस पर जांच चल रही है।

क्या है पूरा मामला?

खबरों के अनुसार मोहम्मद मंसूर खान ने एक पोंजी स्कीम चलाई और इस स्कीम का हश्र वही हुआ, जैसा बाकी पोंजी स्कीमों का होता आया है। मैनेजमेंट ग्रैजुएट मंसूर खान ने 2006 में आई मॉनेटरी अडवाइजरी (IMA) के नाम से एक बिजनस की शुरुआत की थी और इनवेस्टर्स को बताया कि यह संस्था बुलियन में निवेश करेगी और निवेशकों को 7-8 प्रतिशत रिटर्न देगी।


खबरों के मुताबिक, आईएमए में 5 लाख रुपये निवेश करने वाले नाविद ने बताया, ‘मंसूर खान ने मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं के जरिए उन तक पहुंच बनाने का हर हथकंडा अपनाया।’ हालांकि उसके इस पूरे खेल का अंदाजा साल 2017 से ही निवेशकों को होने लगा था, जब हर पोंजी स्कीम की तरह रिटर्न गिरकर पहले 9 से 5 फीसदी तक आया और फिर 2018 आते-आते सिर्फ 3 फीसदी रह गया। इस साल जब फरवरी में रिटर्न घटकर सिर्फ 1 फीसदी रह गया तो निवेशकों के सब्र का बांध टूट गया। मई तक यह 1 फीसदी रिटर्न भी खत्म हो गया। निवेशकों को तगड़ा झटका मई में तब लगा जब उन्हें पता चला कि आईएमए का ऑफिस ही बंद हो गया है।

आपको बता दें कि अपनी स्कीम को आम मुसलमानों तक पहुंचाने के लिए उसने स्थानीय मौलवियों और मुस्लिम नेताओं को साथ लिया। सार्वजनिक तौर पर वह और उसके कर्मचारी हमेशा साधारण कपड़ों में दिखते, लंबी दाढ़ी रखते और ऑफिस में ही नमाज पढ़ते। वह नियमित तौर पर मदरसों और मस्जिदों में दान दिया करता था। निवेश करने वाले हर मुस्लिम शख्स को कुरान भेंट की जाती। शुरुआत में निवेश के बदले रिटर्न आते और बड़े चेक निवेशकों को दिए जाते, जिससे उसकी योजना का और ज्यादा प्रचार हुआ।

गौरतलब है कि फरार हो चुके आईएमए कंपनी के प्रबंध निदेशक मोहम्मद मंसूर खान का 10 जून को कथित ऑडियो सामने आया है, जिसमें खान ने कहा है कि वह आत्महत्या कर रहा है क्योंकि वह नेताओं और अफसरों को रिश्वत देते-देते थक गया है। बेंगलुरु पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। हालांकि, बेंगलुरु पुलिस ने अभी आडियो संदेश की पुष्टि नहीं की है।


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