जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों के साथ गिरफ्तार हुए डीएसपी देविंदर सिंह को राज्य पुलिस ने बर्खास्त कर दिया है। देविंदर सिंह के खिलाफ दर्ज सारे मामलों की जांच अब एनआईए को सौंप दी गई है। इसके अलावा अधिकारी इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि देविंदर सिंह कितने दिनों से आतंकी संगठनों के संपर्क में था। इससे पहले मंगलवार को ही देविंदर को सेवाओं से निलंबित कर दिया गया था। एनआईए की 6 सदस्यीय टीम इस मामले की जांच कर रही है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह से आईबी और मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारी पहले ही पूछताछ कर चुके हैं। इस पूछताछ में पता चला है कि वह लंबे समय से इन आतंकियों के संपर्क में था। साथ ही यह भी खुलासा हुआ कि वह 2018 में भी इन आतंकियों को लेकर जम्मू गया था। यही नहीं, वह आतंकियों को अपने घर में पनाह भी देता था। जम्मू कश्मीर पुलिस फिलहाल देविंदर और उसके साथ पकड़े गए आतंकी नवीद से पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार, आतंकियों की दिल्ली, चंड़ीगढ़ और पंजाब में हमले की साजिश की थी।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के कुलगाम से गिरफ्तार डीएसपी देवेंद्र सिंह को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर को कई बार आगाह किया था, लेकिन लापरवाही की वजह से डीएसपी देवेंद्र सिंह बार-बार बचता रहा। 11 जनवरी को सुबह जब वो श्रीनगर से अपने आई-10 कार में अपने घर से निकला तब टीम उसके पीछे लगी रही। जवाहर टनल से पहले पुलिस ने उसे हिज्बुल के दो शीर्ष आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया था।
13 जनवरी को हुई थी गिरफ्तारी
देविंदर को 13 जनवरी को कुलगाम जिले में श्रीनगर-जम्मू नैशनल हाइवे पर एक कार में गिरफ्तार किया गया था। वह हिज्बुल कमांडर सईद नवीद, एक दूसरे आतंकी रफी रैदर और हिज्बुल के एक भूमिगत कार्यकर्ता इरफान मीर को लेकर जम्मू जा रहा था। देविंदर सिंह के साथ गिरफ्तार किए गए हिज्बुल मुजाहिदीन के 2 आतंकवादियों से भी पूछताछ हो रही है। आतंकियों ने पूछताछ के दौरान भारत और देश से बाहर भी उसके आतंकी संबंधों के बारे में कुछ अहम सुराग दिए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि डीएसपी आतंकियों को घाटी से बाहर निकालने में मदद कर रहा था। बताया जा रहा है कि डीएसपी की मदद से आतंकी दिल्ली आने वाले थे। उधर डीएसपी के घर पर छापेमारी के दौरान 5 ग्रेनेड और 3 एके-47 बरामद हुई हैं।