देश की सेना देश के लोगों की सुरक्षा के लिए होती है। उनका काम हमारे देश को दुश्मनों से बचाना होता है। लेकिन अगर सेना को कोई जवान खुद की गोली मार ले तो आपको ये सुनकर कैसा लगेगा। कुछ ऐसी ही घटना सामने आई है उत्तरी कश्मीरी के टंगधार क्षेत्र से। यहां तैनात सेना के एक मेजर ने खुद को गोली मारकर खुदखुशी कर ली है।
खबरों की मानें तो, उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिला के टंगधार के टिटवाल में तैनात जैक राइफल के एक मेजर ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली है। इस घटना के तुरंत बाद सेना के मेजर के शव को सैन्य अस्पताल ले जाया गया जहां तमाम अन्य औपचारकिताएं पूरी करने के बाद इस मामले की जांच की जाएगी। फिलहाल इस मामले से जुड़ी अन्य जानकारी आना अभी बाकी है।
आपको बता दें कि बीते साल 12 मई 2020 को दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिला के अकरुन मट्टन क्षेत्र में सीआरपीएफ के एक सब इंस्पेक्टर ने अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। सब इंस्पेक्टर ने खुदकुशी से पहले लिखा था कि ‘मुझे डर है कि मैं कोरोना पॉजिटिव हूं, अच्छा यहीं है कि मैं मर जाऊं’।
इसी तरह श्रीनगर के करण नगर स्थित नीलम सिनेमा के बाहर तैनात सीआरपीएफ के एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने भी गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। वहीं, बीते साल 9 नवंबर 2020 को सेना के थन्नामंडी स्थित डेरा की गली में स्थित सैन्य कैंप में तैनात सेना की रोमियो फोर्स के एक मेजर रैंक के अधिकारी की भी रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
लगातार सामने आते खुदखुशी के मामलों पर इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसिस, श्रीनगर में तैनात मनोचिकित्सक एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. यासिर हसन राथर का कहना है कि अपने घरों से दूर रहकर सख्त ड्यूटी देने के दौरान अक्सर सुरक्षाबलों के जवान मानसिक अवसाद का शिकार हो जाते हैं। उनका कहना है कि, वर्ष सुरक्षाबलों के हर महीने चार के करीब ऐसे मामले उनके संज्ञान में आते थे। लेकिन अब इसमें काफी कमी आई है। चूंकि अब सुरक्षाबलों को तैनाती के दौरान योग व अन्य क्रियाओं से तनाव मुक्त रहने के लिए प्रेरित किया जाता है जो जवानों और अधिकारियों के लिए काफी मददगार साबित हो रहे हैं।