झारखंड के लातेहार जिले में भूख से एक व्यक्ति की मौत हो गयी है। जिले के महुआडांड़ प्रखंड के दुरुप पंचायत के लुरगुमी कला में बुधवार रात रामचरण मुंडा की भूखजनित बीमारी से मौत हो गई। 65 वर्षीय रामचरण मुंडा की पत्नी ने कहा कि परिवार को तीन महीने से राशन नहीं मिला है। तीन दिन से घर पर अन्न का एक दाना भी नहीं था। भूख की वजह से उसके पति की मौत हुई। गुरुवार को ग्रामीणों ने इसकी सूचना मनरेगा के सहायता केंद्र में दी।
मीडिया खबरों के मुताबिक, सहायता केंद्र से पहुंची अफसाना ने रामचरण मुंडा के घर का हाल जाना और मामले की जानकारी अनुमंडलाधिकारी को दी। इसके बाद मुंडा के परिजनों को 50 किलो अनाज और दाह संस्कार के लिए दो हजार रुपये फौरी मदद के तौर पर दिए गए। अफसाना ने बताया कि वह जब रामचरण मुंडा के घर पहुंचीं तो पता चला कि घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था, जिसके चलते तीन दिनों से घर में चूल्हा नहीं जला था। स्थानीय डीलर ने मोबाइल नेटवर्क का बहाना बनाकर तीन माह से राशन का वितरण ही नहीं किया है।
उन्होंने पूरे मामले पर अनुमंडल पदाधिकारी को घटना की विस्तृत जानकारी दी तो उन्होंने अधिकारी को भेजकर पीडि़त परिवार को तत्काल मदद पहुंचाने का आदेश दिया। उसने तत्काल कार्रवाई करते हुए मृतक की पत्नी चमरी देवी को 50 किलो आनाज और अंतिम संस्कार के लिए 2000 रुपये दिए। चमरी देवी ने बताया कि उनका पीएच राशन कार्ड है। जिसमें परिवार के तीन सदस्यों का नाम शामिल था।
बीडीओ ने कहा- लू से हुई मौत
सरकारी आदेश के अनुसार इस डीलर के कार्डधारियों का ऑनलाइन मशीन से राशन वितरण अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन यह क्षेत्र दुर्गम पहाड़ी इलाका होने के कारण मोबाइल नेटवर्क सही तरीकेसे काम नहीं करता है, इस कारण डीलर ने इंटरनेट नेटवर्क का बहाना बनाकर तीन माह से राशन का वितरण नहीं किया है। पूरा परिवार एक-एक दाने को मोहताज था। आखिरकार रामचरण मुंडा की मौत भूख हो गई। वहीं इस मामले में स्थानीय बीडीओ ने कहा कि रामचरण मुंडा की मौत लू लगने से हुई है। उसका इलाज छत्तीसगढ़ व महुआडांड में भी हुआ था। अगर अनाज नहीं मिल रहा था तो इसकी जांच कराई जाएगी।