Jagannath Rath Yatra: ओडिशा के पुरी में आज भगवान जगन्नाथ (Jagannath Rath Yatra) की रथ यात्रा निकाली जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश में बदलाव करते हुए कहा कि कोरोना को देखते हुए इस रथयात्रा में श्रद्धालु शामिल नहीं हो पाएंगे।
इसके बाद कोर्ट ने ओडिशा सरकार को निर्देश दिए कि यात्रा के दौरान पुरी में कर्फ्यू लागू किया जाए। इसके साथ ही इस बात का भी ध्य़ान रखा जाए कि एक रथ को एक साथ 500 से ज्यादा लोग ना खींचें। रथ खींचने वाले सभी लोगों का कोरोना टेस्ट भी किया जाए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए। रथयात्रा की शुरुआत सुबह 9 बजे से हुई।
भीड़ जमा न हो इसलिए शहर में सोमवार शाम 4 बजे से धारा 144 लागू कर दी गई। शीर्ष अदालत ने ओडिशा सरकार से कहा कि अगर हालात किसी तरह बेकाबू होते दिखें तो रथ यात्रा को रोका जा सकता है। कोर्ट ने ये भी कहा कि पुरी के अलावा ओडिशा में कहीं और रथ यात्रा नहीं निकाली जाएगी।
इससे पहले 18 जून को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा था, ”यदि हमने इस साल हमने रथ यात्रा की इजाजत दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे। महामारी के दौरान इतना बड़ा समागम नहीं हो सकता है।” बेंच ने ओडिशा सरकार से यह भी कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए राज्य में कहीं भी यात्रा, तीर्थ या इससे जुड़े गतिविधियों की कोई इजाजत ना दें।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले से पहले यहां के स्थानी लोग काफी खुश नज़र आ रहे है। लाइव लॉ वेबसाइट पर अपलोड किए गए सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर (Order) में कहा गया है कि पुरी में बिना लोगों की भीड़ के रथ यात्रा (Rath Yatra) को मंजूरी दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए ये आदेश:-
हर रथ को 500 से ज्यादा लोग नहीं खींच सकते।
दो रथों को खींचने के बीच में एक घंटे का अंतर होना चाहिए।
रथ को खींचने वाले का कोरोना टेस्ट होना अनिवार्य है।
रथ यात्रा के दौरान पुरी में कर्फ्यू लगाया जाए।
सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें।
रथ यात्रा में आने वाले सभी लोगों की रिकॉर्ड रखा जाए।
मेडिकल टेस्ट के बाद उनकी सेहत की जानकारी को भी दर्ज किया जाए।
रथ यात्रा और सभी रस्मों को मीडिया को कवर करने की इजाजत दी जाए।
सरकार क्रू के मुताबिक कैमरा लगाने की इजाजत दे।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रथयात्रा की व्यवस्था की देखरेख कर रहे हैं। हर रथ को खींचने के दौरान एक वरिष्ठ अधिकारी इसकी निगरानी करेगा।
जगन्नाथ मंदिर में करीब 25000 श्रद्धालुओं के लिए हर दिन प्रसाद बनाया जाता है। यहां ना भक्तों के लिए प्रसाद ज्यादा बनता है और ना ही कभी कम पड़ता है।
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने टीवी पर जगन्नाथ रथ यात्रा का सीधा प्रसारण देखा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, रथयात्रा में 500 से ज्यादा लोगों के शामिल होने पर रोक थी। यही वजह है कि अधिकतर लोगों ने रथ यात्रा को टीवी पर देखा।
मंदिर की रसोई में प्रसाद मिट्टी के बर्तन में ही पकाया जाता है। इसके लिए 7 बर्तन एक दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं।
जगन्नाथ मंदिर की रथयात्रा के लिए नए रथों का निर्माण अक्षय तृतीया से आरंभ हो जाता है। यात्रा के लिए हर साल नए रथों का निर्माण किया जाता है। इन रथों को बनाने में किसी भी तरह की धातु का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा शुरू करने से पहले सैनेटाइजेशन का काम किया गया। सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद आज भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जा रही है। कोर्ट के आदेशानुसार इसमें 500 से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे।
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ओडिशा के कानून मंत्री प्रताप जेना ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, जगन्नाथ मंदिर के सभी पुजारियों और सेवकों का कोरोना टेस्ट किया गया। एक सेवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, जिसके बाद उसे रथयात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है।