छुट्टी मांगने के लिए कॉन्स्टेबल ने ढूंढ़ा अनोखा बहाना, लिखा- मैंने भैंस का दूध पिया है, उसका कर्ज चुकाना है

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• Madhya Pradesh Constable needs leave to serve buffalo

इस बात से तो हम सभी बहुत अच्छे से वाकिफ हैं कि कोरोना के बुरे दौर में किसी सरकारी कर्मचारी को छुट्टी मिलना कितना मुश्किल है। इसलिए लोग अक्सर अलग-अलग बहाने तलाशते रहते है ताकि उन्हें छुट्टी मिल सकें। मगर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक गजब वाकया देखने को मिला।

दरअसल एमपी (MP) के रीवा जिले में एसएएफ 9 वीं बटालियन में पदस्थ आरक्षक कुलदीप तोमर का लिखा हुआ एक पत्र इन दिनों सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। आरक्षक (कॉन्स्टेबल) ने बीमार भैंस (Bufallo) की खातिरदारी करने के लिए विभाग छुट्टी की मांग की है।


आरक्षक ने पत्र (Letter) में यह भी लिखा है कि उन्होंने हमेशा भैंस का दूध पिया है और अब मुझे उसका कर्ज अदा करना है। एसएएफ (SAF) के 9वीं बटालियन में पदस्थ आरक्षक कुलदीप तोमर की मां लंबे समय से बीमार है, जिसके लिए आरक्षक 10 दिन की छुट्टी पर भी गए थे।

viral letter

अब उनके वापस आने के बाद ही यह पत्र सोशल मीडिया पर काफी तेजी के साथ वायरल होने लगा है। वायरल पत्र में लिखा है कि आरक्षक की मां की तबीयत खराब है, जिसके लिए उन्हें छुट्टी चाहिए। वहीं, आरक्षक के घर में एक भैंस भी है, जिसने अभी हाल ही में बच्चा दिया है और उस भैंस की सेवा के लिए उन्हें विभाग से छुट्टी चाहिए।


पत्र में आरक्षक ने यह भी लिखा है कि बचपन से ही वह इस भैंस का दूध पीते आए हैं, जिसके लिए उन्हें दूध का कर्ज भी अदा करना है। वहीं, इस पूरे मामले पर जब आरक्षक से संपर्क किया गया, तो उन्होंने खुद से यह पत्र लिखने से इनकार कर दिया। वहीं, अधिकारियों ने वायरल पत्र की जांच करने की बात कही हैं।

सोशल मीडिया (Social Media) पर सुर्खियां बटोर रही वायरल चिट्ठी में आगे लिखा हुआ है कि मैं भैंस का दूध पीकर ही भर्ती के लिए दौड़ की तैयारी करता था। मेरे जीवन (Life) में उस भैंस का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। उस भैंस के कारण ही आज मैं पुलिस (Police) में हूं।

इस भैंस ने मेरे अच्छे और खराब समय में साथ दिया है। ऐसे में मेरा भी फर्ज बनता है, मैं भैंस का ऐसे समय में देखभाल करूं। वहीं, चिट्ठी वायरल होने के बाद अधिकारियों ने आरक्षक को फटकार लगाई है। जबकि आरक्षक ने ऐसे पत्र को लिखने से इनकार कर दिया।

 

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