फिर से सूखे की चपेट में महाराष्ट्र, साढ़े 4 हजार गांव सूखाग्रस्त घोषित

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महाराष्ट्र में फिर साढ़े 4 हज़ार गांव सूखा पीड़ित

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र राज्य में सूखे की स्थिति बढ़ रही है और सूबे के साढ़े चार हजार से अधिक गांवों इसकी चपेट में आ गए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जिन गांवों में लोगों की औसत आमदनी पच्चास रुपये से भी कम है, अभी उन्हें सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। इस सूची में यवतमाल जिले के 751 गांव, अमरावती जिले के 731 गांव शामिल हैं। इन गांवों में सूखा राहत के उपाय शुरू किए गए हैं, और राज्य सरकार ने कृषि से जुड़ी आठ अलग-अलग प्रकार की रियायतें लागू की हैं।

बता दें कि, अक्टूबर के महीने में राज्य में 151 तालुका और 268 राजस्व सम्मेलनों में सूखा घोषित किया गया था। दूसरे चरण में 931 गांवों को जोड़ा गया। अब इस घटना की रिपोर्ट मिलने के बाद, गुरुवार को 17 जिलों के अन्य 4518 गांव सूखाग्रस्त गांवों में शामिल किए गए।


इसमें धुले जिल्हा के 50, नंदुरबार जिल्हा के 191, अहमदनगर जिल्हा के 91, नांदेड जिल्हा के 549, लातूर जिल्हा के 151,पालघर- 203, पुणे- 88, सांगली- 33, अमरावती- 731, बुलढाणा- 18, यवतमाळ- 751, वर्धा- 536, भंडारा- 129, गोंदिया- 13, चंद्रपुर- 503, गडचिरोली- 208 ऐसे कुल मिला कर 4 हजार 518 गांवों का समावेश है।

इन गांवों में, सूखा पीड़ित किसानों को स्थायी आदेश के अनुसार आठ सहूलियतें दी जाएंगी। इसमें भूमि राजस्व पर छूट, ऋणों का पुनर्गठन, कृषि से संबंधित कृषि ऋणों का निपटान, कृषि पंप बिजली बिल में 33.5 प्रतिशत छूट,विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क, कार्य की स्थिति में कमी, वहां टैंकरों द्वारा आवश्यक पानी की आपूर्ति, और कृषि पंपों के बिजली के पंप को न तोड़ने की छूट दी गई है।


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