मारूति की अपकमिंग इलेक्ट्रिक कार होगी डिजायर के टॉप वेरिएंट से महंगी, कीमत 12 लाख होने की उम्मीद

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इस साल भारत में कौन सी इलेक्ट्रिक कारें होंगी लॉन्च, यहां दखें पूरी लिस्ट

जल्द ही मारुति सुजुकी इलेक्ट्रिक कार लॉन्च कर इस सेगमेंट में कदम रखने वाली है। इसके लिए एक कार के इलेक्ट्रिक वर्जन की टेस्टिंग की जा रही है। इलेक्ट्रॉनिक सेगमेंट की यह सबसे सस्ती कार साल 2020 तक बाजारों में पेश किये जाने की उम्मीद है। अपकमिंग टाटा टियागो इलेक्ट्रिक और महिंद्रा ईकेयूवी100 को टक्कर देने वाली यह कार 9 लाख रुपए की प्राइस रेंज के साथ उपलब्ध हो सकती है।


मारुति कंपनी के प्रबंध निदेशक केनिची आयुकावा ने कहा है कि, ‘भारत में टैक्स नियमों के कारण छोटी इलेक्ट्रिक कार की कीमत 12 लाख रुपए तक भी पहुंच सकती है। इसका मतलब है कि इस कार की कीमत डिजायर के टॉप वेरिएंट से भी महंगी हो सकती है। डिजायर के टॉप वेरिएंट की कीमत 9.55 लाख रुपए है। कार की कीमत 15 लाख रुपए से नीचे रहने पर ग्राहकों को फेम II योजना का लाभ मिलेगा। जिसके तहत ग्राहकोें को इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक की छूट दी जाएगी।

इस कार की कीमत 9 लाख रुपए होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। क्योंकि इन कारों में ईंधन पर होने वाले मोटे खर्चे से ग्राहकों को छुटकारा मिलता है। उदाहरण के रूप में महिंद्रा की वरिटो सेडान के इलेक्ट्रिक वर्जन की कीमत 10 लाख रुपए है। वहीं, इस कार का डीजल वर्जन 7.5 लाख रुपए में उपलब्ध है।


बता दें कि कंपनी के उच्चाधिकारी इससे पहले इलेक्ट्रिक कारों के महंगे होने के प्रति अपनी चिंता जता चुके हैं। उनका मानना है कि इलेक्ट्रिक कारों के पेट्रोल एवं डीजल वर्जन से महंगे होने के कारण ग्राहक इन्हें खरीदने में ज्यादा रूचि नहीं दिखाएंगे।

ग्राहकों के लिए जानना ज़रूरी है कि इलेक्ट्रिक कारों की मेंटेनेंस और रनिंग कॉस्ट काफी कम होती है। ऐसे में इन कारों का वाणिज्यिक उपयोग करने के लिए कुछ ग्राहक इसमें रूचि दिखा सकते हैं। बता दें की इलेक्ट्रिक कारों में कुछ कमियां भी होती है। जैसे कि ये ज्यादा दूरी तय नहीं कर सकती हैं और इन्हें चार्ज करने में भी काफी समय लगता है। डीज़ल, सीएनजी और माइल्ड हाइब्रिड पेट्रोल कारें इलेक्ट्रिक कारों के मुकाबले ज्यादा अच्छे विकल्प के तौर पर देखी जाती हैं। इन कारों को उपयुक्त बनाने के लिए ज़रूरी है कि कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि वो इनकी रेंज ज्यादा राखी जाए। साथ ही कोई ऐसी तकनीक विकसित करने की आवश्यकता है जो कार को चार्ज करने में ज्यादा समय ना लगे। लेकिन, इससे कारों की कीमत महंगी हो जाएगी।

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