अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: मिलिए इन 7 खास महिलाओं से जिन्हें पीएम मोदी ने सौंपा अपना ट्विटर अकाउंट

  • Follow Newsd Hindi On  
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: मिलिए इन 7 खास महिलाओं से जिन्हें पीएम मोदी ने सौंपा अपना ट्विटर अकाउंट

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2020 के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज को प्रेरित करने वाली 7 महिलाओं को अपना सोशल मीडिया अकाउंट सौंपा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को घोषणा की कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उनके सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये सात सफल महिलाएं अपने जीवन की यात्रा को साझा करेंगी और लोगों से बातचीत करेंगी।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई! हम अपनी ‘नारी शक्ति’ की भावना और उपलब्धियों को सलाम करते हैं। जैसा कि मैंने कुछ दिन पहले बताया था कि मैं विदा ले रहा हूं। पूरे दिन के दौरान सात सफल महिलाएं अपनी जीवन यात्राएं साझा करेंगी और मुमकिन है कि मेरे सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से वे आपसे बातचीत करेंगी।” हम आपको बताने जा रहे हैं इन 7 खास महिलाओं के बारे में…


सबसे पहले स्नेहा ने बताई अपनी ये कहानी

पीएम मोदी के साइन ऑफ करने के बाद फूड बैंक इंडिया की स्नेहा मोहन दास से उनका ट्वटिर हैंडल संभाला और अपनी सफला की कहानी साझा की।

ब्लास्ट में हाथ गंवाने वाली मालविका ने बताई दास्तां

स्नेहा मोहनदास के बाद पीएम मोदी ने मालविका अय्यर को अपना ट्विटर अकाउंट सौंपा और उन्होंने अपनी कहानी को साझा किया। मालविका ने बताया कि उन्होंने 13 वर्ष की उम्र में बीकानेर ब्लास्ट में अपने दो हाथ गंवा दिए थे। विस्फोट में हाथों के साथ उनके पैर भी बुरी तरह से जख्मी हो गए थे। लेकिन वह हिम्मत नहीं हारीं। मालविका आज दिव्यांग लोगों को लेकर जागरुकता फैला रही हैं।

अपनी कहानी बताते हुए मालविका अय्यर ने लिखा, ‘स्वीकृति सबसे बड़ा इनाम है जो हम खुद को दे सकते हैं। हम जिंदगी को नियंत्रित नहीं कर सकते लेकिन हम निश्चित रूप से जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण को नियंत्रित कर सकते हैं। दिन के आखिर में मायने यह रखता है कि हमने अपनी चुनौतियां का किस तरह से सामना किया। मेरे बारे में और मेरी कहानी के बारे में जानिए।’

पीएम के कदम से बढ़ा आरिफा का आत्मविश्वास

इसके बाद कश्मीर की आरिफा को पीएम नरेंद्र मोदी का ट्विटर अकाउंट संभालने की जिम्मेदारी मिली। आरिफा वे कश्मीर की पारंपरिक नमदा बुनकर हैं। नमदा बुनकर ऊन के कारपेट बनाती हैं। कश्मीर में लुप्त सी हो चुकी इस कला को आरिफा ने नया मुकाम दिया है। आरिफा ने कहा कि इस कला का पीएम मोदी के इस कदम से उनका हौसला बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस कदम से महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है। आरिफा ने कहा कि जब परंपरा का मिलन आधुनिकता से होता है तो चमत्कार हो सकता है। मैंने अपने काम के दौरान ये महसूस किया।

कल्पना ने बताई पानी बचाने की अपनी कहानी

आरिफा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का ट्विटर अकाउंट कल्पना रमेश ने संभाला। कल्पना रमेश पानी के क्षेत्र में काम करती हैं। उन्होंने बताया कि एक छोटी कोशिश भी बड़ा असर छोड़ सकती है। पानी विरासत में मिली एक मूल्यवान चीज है। हमें आने वाली पीढ़ियों को इससे वंचित नहीं होने देना है। इसके लिए हमें जिम्मेदारी से पानी का उपयोग करना होगा, वर्षा जल का संचयन, झीलों को बचाना, उपयोग किए गए पानी का पुन: इस्तेमाल और जागरूकता पैदा करना होगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं पक्षियों को झील में ला सकती हूं या अपने पीएम के हैंडल से ट्वीट कर सकती हूं। दृढ़ संकल्प के साथ किसी असंभव काम को भी मुमकिन बनाया जा सकता है।

हेंडीक्रॉफ्ट से जुड़ीं विजया पवार की कहानी

महाराष्ट्र के बंजारा समुदाय से आने वालीं विजया पवार को भी पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल को चलाने का मौका मिला है। हेंड्रक्रॉफ्ट का काम करने वाली विजया पवार ने बताया कि गोरमाटी कला को बढ़ावा देने के लिए पंतप्रधान नरेंद्र मोदी ने न केवल हमें प्रोत्साहित किया बल्कि हमारी आर्थिक मदद भी की। ये हमारे लिए गौरव की बात है। इस कला के संरक्षण के लिए मैं पूरी तरह से समर्पित हूं और महिला दिवस के अवसर पर गौरवान्वित महसूस कर रही हूं।

स्वच्छता के लिए काम करने वाली कलावती देवी ने बताई कहानी

स्वच्छता के लिए काम करने वाली कानपुर की कलावती देवी ने पीएम मोदी के ट्वटिर हैंडल के जरिये बताया कि स्वस्थ रहने के लिए सफाई जरूरी है। इसके लिए लोगों को जागरूक करने में थोड़ा समय जरूर लगा। लेकिन मुझे पता था कि अगर लोग समझेंगे तो काम आगे बढ़ जाएगा। मेरा अरमान पूरा हुआ, स्वच्छता को लेकर मेरा प्रयास सफल हुआ। हजारों शौचालय बनवाने में हमें सफलता मिली है।

कलावती देवी ने बताया कि देश की बहन, बेटी और बहुओं के लिए मेरा यही संदेश है कि समाज को आगे ले जाने के लिए ईमानदारी से किया गया प्रयास कभी निष्फल नहीं होता। इसलिए बाहर निकलिए। अगर कोई कड़वी भाषा बोलता है तो उसे बोलने दीजिए। अगर अपने लक्ष्य को पाना है तो पीछे मुड़कर नहीं देखा करते हैं।

घर में मशरूम की खेती करने वाली वीणा देवी

बिहार के मुंगेर की रहने वाली वीणा देवी ने घर में पलंग के नीचे मशरूम की खेती कर ने दूसरी महिलाओं के लिए भी किसानी का रास्ता खोल दिया है। वीणा देवी 2013 से ही खेती कर रही हैं और आसपास की अन्य महिलाओं को भी किसानी के लिए प्रेरित कर रही हैं। जिससे कि वो भी रोजगार से सीधे-सीधे जुड़ सकें। पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट से अपनी कहानी बयां करते हुए उन्होंने कहा, मैंने सबसे पहले पलंग के नीचे एक किलो मशरूम की खेती की। वहीं से मेरी नई जिंदगी की नई शुरुआत हुई। इस खेती ने मुझे न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाकर एक नया जीवन दिया।

तो ये थीं वो सात महिलाएं जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अलग-अलग क्षेत्रों में कामयाबी हासिल की है और आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बारी-बारी से पीएम मोदी के ट्विटर के जरिये अपनी कहानी साझा किया और लोगों के सवालों का जवाब भी दिया।


अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: कौन हैं स्नेहा मोहनदास, PM मोदी के ट्विटर हैंडल से किया ये ट्वीट

(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)