अलीगढ़ | झारखंड के सरायकेला-खरसांवा में तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग में हत्या का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि फिर एक मॉब लिंचिंग की घटना सामने आई है। अलीगढ़ का मोहम्मद फरमान नियाजी बरेली के एक मदरसे में पढ़ाई करता है। दो दिन पहले वह ट्रेन से अलीगढ़ से बरेली जा रहा था। इस दौरान राजघाट नारोरा स्टेशन से कुछ युवा ट्रेन में चढ़े और नियाजी की टोपी देखकर उस पर धार्मिक टिप्पणी करने लगे। इसके बाद उसे पीटने लगे।
पीड़ित ने कहा, “उन्होंने मुझे लात मारी और मेरी टोपी को ट्रेन से बाहर फेंक दिया। उन्होंने मेरे कपड़े फाड़ दिए और मेरा चश्मा भी तोड़ दिया। यह देखकर कोई भी यात्री मुझे बचाने के लिए आगे नहीं आया। उनकी यातना तब तक जारी रही, जब तक मैंने अपने होश न खो दिए।” जब उसे होश आया तो उसने खैर क्षेत्र के एक गांव के बाहरी इलाके में खुद को लेटा पाया। उसके आधार कार्ड की मदद से स्थानीय लोगों ने उसे बस से अलीगढ़ दिया। जहां आकर उसने अपने परिवार को आपबीती सुनाई।
पीडि़त मोहम्मद फरमान नियाज़ी अलीगढ़ के तालिब नगर, कासिमपुर पावर हाउस का रहने वाला है और वह बरेली के मदरसा ख़ानक़ाह आलिया नियाज़िया अज़ीज़ुल उलूम में पढ़ता है।
पीड़ित युवा ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला है, जिसमें उसने पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया है। इसके साथ ही उसने जवान पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई है। एसपी (सिटी) अशोक कुमार ने कहा कि नियाजी द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं इस मामले पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ (AMUSU) के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “अगर लोगों को उनके पहनावे पर निशाना बनाया जाने लगे तो स्थिति बहुत गंभीर है और बिना देर किए इस पर कार्रवाई करने की जरूरत है।”