भारत एकता का देश है यहां के लोग भली- भांति जानते हैं कि इंसानियत धर्म से कही बड़ी है। जहां कुछ लोग इस एकता को तोड़ने की कोशिश करते हैं, वहीं कुछ लोग इंसानियत की मिसालें पेश कर एकता को जाहिर करते हैं। यूपी के एक मुस्लिम परिवार ने ऐसी ही मिसाल पेश की है।
यूपी के भदोही जिले के एक मुस्लिम परिवार ने अपने एक कर्मचारी की मौत के बाद, उसका हिंदू रीति-रिवाज़ से दाह-संस्कार किया और तेरहवीं की रस्म पूरी की। एक मुस्लिम परिवार द्वारा हिंदू व्यक्ति का दाह- संस्कार करना साबित करता है कि इंसानियत किसी भी धर्म से बड़ी है।
दरअसल, भदोही के एक फर्म के मालिक इरफ़ान अहमद खान और फरीद खान के कर्मचारी मुरारी लाल श्रीवास्तव का निधन हो गया था, जिसके बाद उन्होंने पूरे रीति- रिवाज से मुरारी लाल का दाह संस्कार करने का निर्णय लिया। मुस्लिम परिवार ने अपने कर्मचारी की तेरहवीं भोज के लिए जो कार्ड बाटें, उनमें शोकाकुल परिवार में इरफ़ान अहमद खान और फरीद खान का नाम लिखा था। इस भोज का आयोजन 25 जून को किया गया, जिसमें हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के एक हज़ार से ज़्यादा लोग शामिल हुए।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक, मुरारी लाल की मृत्यु खेत में ज़हरीले कीड़े के काटने की वजह से हुई, और उसके परिवार में कोई नहीं था, जिस वजह से इरफान और फरीद के परिवार को उनका शव सौंप दिया गया था।
मुरारी लाल इरफान और फरीद के घर के सदस्य की तरह थे। वह पिछले 15 सालों से उनके साथ काम कर रहे थे। इरफ़ान ने बताया, ‘मुरारी हमारे घर के बुज़ुर्ग सदस्य की तरह थे, इसलिए हम लोगों ने वही किया जो हम घर के किसी सदस्य के लिए करते।’
बता दें कि ब्राह्मण भोज से पहले 22 जून को बाल उतारने की रस्म भी अदा की गई थी। मुस्लिम परिवार द्वारा उठाया गया यह कदम वाकई मिसाल है।