मां बेटे के लिए बहू खोजने में जुटी थी, अचानक एक फोन ‘आपका बेटा वीरगति को प्राप्त हुए हैं’

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Mother was looking for daughter-in-law for son but a phone broke all the family's golden dreams

पूर्वी लद्दाख की  गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक अफ़सर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। इस झड़प में शहीद हुए 20 जवानों की सूची में झारखंड के एक और सपूत का नाम सामने आया है।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने बताया कि शहीद हुए 20 जवानों की सूची में झारखंड के संताल परगना के एक भाई का नाम शामिल है। वीरगति प्राप्त करने वाले गणेश हांसदा (Ganesh Hansda) पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा के निवासी थे।


इस बात की जानकारी देते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पार्टी की पूरी संवेदना पीड़ित परिवार के साथ है। उन्होंने बताया कि इस घटना में शहीद होने वालों की सूची से यह दूसरा नाम है।

मरांडी ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमारी ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी शहीद जवानों की दिवंगत आत्मा को शांती प्रदान करें। पूरा देश इन जवानों का हमेशा ऋणी रहेगा।

गणेश दो साल पहले ही भारतीय सेना में गए थे। महज 23 वर्ष की आयु में उन्‍होंने वतन के लिए खुद की कुर्बानी दे दी। गणेश के पिता सुबदा हांसदा किसान एवं मां कापरा हांसदा गृहणी हैं, उनके बड़े भाई दिनेश हांसदा गांव में रहकर खेती करते हैं।


शहीद गणेश हांसदा की अभी शादी भी नहीं हुई थी, उनकी मां गणेश के लिए बहु की तलाश कर रही थी। सेना मुख्यालय की ओर से शहीद के परिवार को सूचना भेज दी गई है। इस खबर की सूचना मिलते ही बहरागोड़ा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।

सेना ने शुरू कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए। लेकिन देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक जो ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है।

जिसके बाद शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में यथास्थिति बदलने से हुई।

जबकि चीन (China) ने दावा किया कि गलवान घाटी क्षेत्र पर उसकी हमेशा संप्रभुता रही है और आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने जानबूझकर उकसाने वाले हमले किए जिस कारण गंभीर संघर्ष हुआ और सैनिक हताहत हुए।

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