फिल्म रिव्यू : ऐज गैप लव-कॉमेडी का मिक्सर है फिल्म ‘दे दे प्यार दे’

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इस फ्राइडे फिवर में रिलिज हो रही है अजय देवगन, तब्बू, जिमी शेरगिल और रकुल प्रीत स्टारर फिल्म ‘दे दे प्यार दे’। अगर आप फिल्म देखने का प्लान बना रहे हैं तो उससे पहले फिल्म का रिव्यू जरूर जान लें।

फ़िल्म ‘दे दे प्यार दे’ एक ऐज गैप वाली लव स्टोरी है। ये कहानी एक ऐसे अमीर मिडिल ऐज मैन  की है जो जो ख़ुद पचास साल का है और उसे छब्बीस साल की लड़की से प्यार हो जाता है। लेकिन इसमें ट्विस्ट तब आता है जब वह अपनी अलग हो चुकी पत्नी से इसकी मंजूरी लेने की कोशिश करता है।


फिल्म कि कहानी

इस कहानी की शुरुआत होती है फिल्म के हिरो अजय देवगन यानि आशीष मेहरा से, जो अपने घर में अपने दोस्त राजेश (जावेद जाफरी) की बैचलर पार्टी रखते हैं और यहां एंट्री होती है एक स्ट्रिप टीज आएशा की, जो रकुल प्रीत होती हैं। लेकिन आपको बता दें कि वो रियल में स्ट्रिप टीज नहीं होती है। वो तो दरअसल अपनी दोस्त के होने वाले पति का टेस्ट ले रही होती हैं। बस यहीं से शुरू होता है अजय-रकुल का फ़्लर्ट सेशन। दोनों फ़्लर्ट करते-करते एक दूसरे को प्यार करने लगते हैं। जब आशीष मेहरा के दोस्त  राजेश को पता चलता है कि उसके दोस्त का अफेयर उसकी बेटी की उम्र की लड़की आएशा के साथ चल रहा है तो वह आशीष से कहता है कि ‘यह ऐज गैप नहीं है, यह जेनरेशन गैप है।’ इसके बाद आशीष, आयशा को अपने परिवार से मिलाने लेकर जाता है, जहां से फिर कहानी में आता है ट्विस्ट। फिर अब आगे क्या होता है इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी। इस लव अफेयर में क्यूट रोमांस जैसी तमाम चीजें हैं साथ ही कॉमेडी का तड़का भी है।

फिल्म रिव्यू

फिल्म में अजय देवगन टॉप फॉर्म में हैं लेकिन जब उन्हें बार-बार बुड्ढा और ‘अंकल’ कहा जाता है तो दर्शकों को अपने आप ही हंसी आ जाती  है। 50 की उम्र में भी उनकी 20 साल की लड़की के साथ केमिस्ट्री बिल्कुल बुरी नहीं लगती है। रकुल का ग्‍लैमर अजय की पर्सनैलिटी से परफेक्ट मैच करता है।

हमेशा की तरह इस फिल्म में भी मंजू यानि तब्बू का काम बेहतरीन है। उनकी परफॉर्मेंस, एक्सप्रेशन्स लाजवाब हैं। उनकी खूबसूरती को भी फिल्म में बखुबी दिखाया गया है। उनकी कॉमिक टाइमिंग भी लोगों के चेहरे पर हंसी लाती है। हालांकि, राइटर्स लव रंजन और तरुण जैन पूरी तरह से तब्बू के कॉमिक पोटेंशियल को भुना नहीं पाए हैं। वे आशीष के मंजू को छोड़ने की डीटेल भी कायदे से नहीं दिखा पाते हैं।


सेकंड हाफ में फिल्म में कई अजीबोगरीब परिस्थेतियां और मतभेद होते हैं। हालांकि, डायरेक्टमर आकिव अली ने नए विचारों और पुराने नैतिक मूल्यों के बीच बैलेंस बनाने की कोशिश की है। जहां कुछ बड़े मतभेदों को आसानी से हल कर लिया जाता है, वहीं जिमी शेरगिल जैसे कैरक्टर्स कन्फ्यूनजन क्रिएट करते हैं। जिमी के साथ हंसी वाले कई मोमेंट्स बन सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

अगर बात करें बात करें म्यूजिक की तो फिल्मि के गाने कमजोर हैं लेकिन ब्रैकग्राउंड स्कोर मजबूत है जो कि कई सीन्सि पर फिट बैठता है। फिल्म परिपक्वता से तलाक, लिव इन और एज गैप रोमांस जैसे टॉपिक्स को छूती है। डायरेक्टपर ने फिल्म को अप्रत्याशित क्लामइमैक्सि के साथ खत्म किया है। कुल मिलाकर दे दे प्यामर दे मजेदार फिल्मि है जो इस फैक्ट‍ को दोबारा बताती है कि जब बात प्यार की हो तो उम्र सिर्फ एक नंबर है।

फिल्म क्यों देखें : अगर आप अजय देवगन के फैन हैं या लव कॉमेडी आपको पसंद है तो आप फ़ैमिली  या दोस्केतों के साथ  टाइम पास के लिए ये फ़िल्म देख सकते हैं।

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