राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला: करा लो वाड्रा-चिदंबरम की जांच, लेकिन राफेल पर भी जवाब दो

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नई दिल्ली। राफेल डील (Rafale Deal) को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमलावर रुख अपनाया हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी मौजूद थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर राफेल डील को लेकर एक बार फिर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम कई सालों से कह रहे हैं कि राफेल घोटाले में प्रधानमंत्री सीधे तौर पर शामिल हैं। अंग्रेजी अखबार द हिंदू की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल ने कहा कि इस खबर ने प्रधानमंत्री की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि भले ही आप रॉबर्ट वाड्रा और चिदंबरम की जांच कीजिए, मगर राफेल पर भी सरकार को जवाब देना चाहिए।


राहुल गांधी ने सेना के जवानों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 हजार करोड़ रुपये की चोरी की और उसे अनिल अंबानी की जेब में डाल दिया। उन्होंने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति होलांद ने कहा था उनसे कि पीएम मोदी ने खुद उनसे डील की बात की थी। इसे मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर दिया है। राफेल पर हमारी बात सच साबित हुई।

‘प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने झूठ बोला’

राहुल ने कहा कि मैं हिंदुस्तान के युवाओं, नेवी, आर्मी के लोगों से बात करना चाहता हूं। हिंदस्तान के प्रधानमंत्री ने 30 हजार चोरी कर के अनिल अंबानी को दिलवाया है। वायुसेना और डिफेंस मिनिस्ट्री के दस्तावेज कहते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री फ्रांस के साथ समानांतर बातचीत कर रहे थे। उन्होंने फिर से कहा कि चौकीदार चोर हैं। यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने यह भी कहा कि याद रखिए 30 हजार करोड़ का इस्तेमाल आप लोगों के लिए किया जा सकता था। यह अनिल अंबानी का नहीं है। यह आपका पैसा है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि राफेल के मामले में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने झूठ बोला।

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं इस मामल में पर्रिकर जी को शामिल नहीं करना चाहता हूं। मैंने इस बारे में उनसे कोई बात नहीं की। यह मेरा निजी दौरा था और वहां इस मामले में मेरी कोई बात नहीं हुई। आगे राहुल गांधी ने कहा कि राफेल मामले में मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला है।


राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार जवानों को एक बुलेट प्रूफ जैकेट देती है और अनिल अंबानी को तीस हजार करोड रुपये। लोकसभा में नरेंद्र मोदी ने कल लंबा भाषण दिया, मगर इस बार में क्यों नहीं बोलते। अब रक्षा मंत्रालय भी कह रहा है कि प्रधानमंत्री पैरेलल नेगोसिएशन कर रहे हैं। रक्षा मंत्रालय कह रहा है कि प्रधानमंत्री पैरेलल बातचीत कर रहे हैं तो फिर इस पर वह क्यों नहीं जवाब देते हैं। राफेल मामले में पीएमओ की फ्रांस से समानांतर बातचीत चल रही ह। राहुल ने कहा कि सरकार को जितनी जांच कराना चाहती है करे, आप चिदंबरम या वाड्रा पर जांच करिए, मगर आप राफेल पर भी जवाब दीजिए। मैं ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करता मगर मैं मजबूर हूं यह कहने में कि प्रधानमंत्री चोर हैं।

क्या कहती है द हिंदू की रिपोर्ट:

रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस के साथ राफेल सौदे की बातचीत में प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल पर एतराज़ जताया था। अंग्रेज़ी अखबार ‘द हिंदू’ की खबर के मुताबिक रक्षा मंत्रालय तो सौदे को लेकर बातचीत कर ही रहा था, उसी दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय भी अपनी ओर से फ्रांसीसी पक्ष से बातचीत में लगा था। अखबार के मुताबिक 24 नवंबर 2015 को रक्षा मंत्रालय के एक नोट में कहा गया कि PMO के दखल के चलते बातचीत कर रहे भारतीय दल और रक्षा मंत्रालय की पोज़िशन कमज़ोर हुई। रक्षा मंत्रालय ने अपने नोट में तब के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का ध्यान खींचते हुए कहा था कि हम PMO को ये सलाह दे सकते हैं कि कोई भी अधिकारी जो बातचीत कर रहे भारतीय टीम का हिस्सा नहीं है उसे समानांतर बातचीत नहीं करने को कहा जाए। इस नोट में ये भी कहा गया कि अगर PMO रक्षा मंत्रालय की बातचीत पर भरोसा नहीं है तो उसे PMO की अगुवाई में नए सिरे से बातचीत शुरू करनी चाहिए।

ज्ञात हो कि मोदी सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वायुसेना उप प्रमुख की अगुवाई में 7 सदस्यीय टीम ने रफ़ाल सौदे पर बातचीत की। सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने इस बातचीत में प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका का कोई ज़िक्र नहीं किया था।


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