नई दिल्ली। ममता बनर्जी ने शनिवार को 2019 लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी पार्टियों को मोदी सरकार के खिलाफ कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में आयोजित मेगा रैली में एक मंच पर बुलाया। इस मंच पर बीजेपी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी नजर आए। यूनाइटेड इंडिया रैली को संबोधित करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी ही सरकार से सवाल दागे और पीएम मोदी से पूछा कि आप जब तक सवालों से भागते रहेंगे, तब तक हम सबको मानना पड़ेगा कि वाकई ‘चौकीदार चोर’ है।
शत्रुघ्न सिन्हा ने ममता की रैली में कहा कि देश बदलाव चाहता है। मुझसे लोग कहते हैं कि मैं बीजेपी के खिलाफ बोलता हूं, लेकिन अगर सच कहना बगावत है तो समझो मैं भी बागी हूं। हो सकता है कि इस रैली के बाद मैं भाजपा में नहीं रहूं। लेकिन इस क्षण तक मैं अभी भाजपा में हूं। अभी यशवंत सिन्हा कह रहे थे कि इस रैली के बाद मैं पार्टी से जरूर निकाल दिया जाऊंगा। अगर मैं बीजेपी में हूं भी तो मैं पहले भारत की जनता का हूं, उसके बाद भारतीय जनता पार्टी का। मेरी जवाबदेही और जिम्मेदारी भारत के जनता के प्रति है। मैं जो भी करता हूं और कहता हूं वह देशहित और जनहित में है। उन्होंने कहा कि देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता। मैं पार्टी को आईना दिखाता हूं। बताता हूं कि यह लोकतंत्र है, ज्यादा ज्यादतियां मत करो।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के वक्त और मोदी जी के वक्त में क्या अंतर पाते हैं। मैं कहता हूं कि अटल जी के जमाने में लोकशाही थी, इस जमाने में तानाशाही है। यह नहीं चलेगा। यह ज्याददती है देश के लोगों के साथ। अचानक रातोंरात तुगलकी फरमान जारी कर दी। आपने नोटबंदी की घोषणा कर दी. क्यों आपने नोटबंदी की घोषणा कर दी। क्या कभी सोचा कि इससे कभी रेहड़ी, पटरी वाले, किसानों, मजदूरों, युवाओं पर क्या असर पड़ेगा। बगैर किसी से सलाह लिए आपने यह किया। मैं यकीनन कहता हूं कि यह पार्टी का फैसला नहीं था। अगर पार्टी का यह फैसला होता तो आडवाणी जी, जोशी जी, यशवंत सिन्हा, शौरी जी और मुझे भी पता होता। मगर यह फैसला सीधे पीएमओ से हुआ।
नोटबंदी वाले फैसले को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अपने ही पैसे निकालने के लिए लोगों को शर्मींदगी का सामना करना पड़ा। व्यापार बर्बाद हो गया। घर की महिलाएं, माताएं-बहनें जो घर के लोगों के लिए अच्छी नीयत से पैसे दबा कर रखी थी, वे सब अचानक हवा-हवाई हो गए। आखिर नोटबंदी का अधिकार किसने दिया। अभी नोटबंदी से उबर ही नहीं पाए थे कि जीएसटी का फरमान जारी कर दिया। कांग्रेस के अध्यक्ष जो काबिल हैं, जिन्हें एक साल में तीन राज्यों में कांग्रेस को जीत दिलाई, उन्होंने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स नाम दिया। अभी तक जीएसटी में 368 संशोधन किया गया। खुद जब मोदी जी मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने घोर विरोध किया था। जीएसटी को लेकर ऐसी घोषणा की कि जैसे दूसरी आजादी मिली हो।
उन्होंने कहा कि इससे पूजारी तबाह होने लगे। गुरुद्वारे में लंगर पर जीएसटी लग गए। यानी एक तरफ नोटबंदी, जीएसटी यानी इसे कहते हैं नीम पर करेला। आज तक किसान जिस तरह तड़प रहे हैं, उस पर सभी लोग बोल चुके हैं। सबसे बड़ी और बुरी बात है कि राफेल। मैं यह भी नहीं कह रहा हूं कि आप दोषी हैं, मगर यह भी नहीं कहूंगा कि आप दोषी नहीं हैं। आप अगर कुछ नहीं बोलेंगे और छुपाएंगे तो देश की जनता कहेगी कि वाकई देश का ‘चौकीदार चोर’ है। उन्होंने कहा कि बिहार में इसे थथरई करना कहते हैं। अगर आप मोदी जी जब तक इस पर राफेल पर थेथरई करेंगे, तब तक आप सुनते रहेंगे चौकीदार चोर है। उन्होंने कहा कि एचएएल ने सुखोई जैसे हवाई जहाज बनाए। HAL जो हिंदुस्तान की अपनी कंपनी है, उसे यह क़ॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया गया, मगर जो दस दिन पहले कंपनी आई और उसने एक साइकिल तक नहीं बनाई, उसे आपने यह कॉन्ट्रैक्ट क्यों दे दिया। मोदी जी राफेल पर जवाब दीजिए, नहीं तो जब तक ‘थेथरई’ करेंगे, आप सुनते जाएंगे देश का ‘चौकीदार चोर’ है।
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