अर्थव्यवस्था में मंदी, बेरोजगारी और जीडीपी के लगातार गिरते आंकड़ों के बीच बीजेपी को अपनों ने भी घेरना शुरू कर दिया है। बीजेपी के कद्दावर नेता दिवंगत प्रमोद महाजन के बेटे राहुल महाजन ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट ने ट्विटर पर लिखा, “अर्थव्यवस्था, नौकरियाँ, महंगाई, GDP सभी का जवाब ‘राष्ट्रवाद’ नहीं हो सकता। आलोचना और समीक्षा लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है, आज राहुल बजाज की आवाज आप दबा लेंगे, कल बेरोजगार युवाओं के शोर को नहीं रोक पाएँगे। जनहित से जुड़े मुद्दों पर काम हो और आलोचनाओं का स्वागत करना सीखे सरकार।”
अर्थव्यवस्था, नौकरियाँ, महंगाई, GDP सभी का जवाब ‘राष्ट्रवाद’ नहीं हो सकता। आलोचना और समीक्षा लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है, आज राहुल बजाज की आवाज आप दबा लेंगे, कल बेरोजगार युवाओं के शोर को नहीं रोक पाएँगे। जनहित से जुड़े मुद्दों पर काम हो और आलोचनाओं का स्वागत करना सीखे सरकार।
— Rahul Mahajan (@TheRahulMahajan) December 2, 2019
गौरतलब है कि राहुल महाजन ने अपने ट्वीट में उद्योगपति राहुल बजाज का जिक्र भी किया है। राहुल बजाज ने पिछले दिनों कहा है कि देश में इस समय खौफ का माहौल है और लोग सरकार की आलोचना करने से डरते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को ये भरोसा नहीं है कि उनकी आलोचना को सरकार में बर्दाश्त किया जाएगा। राहुल बजाज (Rahul Bajaj) ने ये बातें गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), रेल मंत्री पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने शनिवार को उद्योगपतियों के एक कार्यक्रम में कही।
अपने इस बयान को लेकर राहुल बजाज लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। राहुल बजाज के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भाजपा से जुड़े लोगों ने उनकी ट्रोलिंग शुरु कर दी। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में राहुल बजाज के इस बयान पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, ‘गृह मंत्री अमित शाह ने उन सवालों का जवाब दे दिया है जिन्हें राहुल बजाज ने उठाया है। सवाल-आलोचनाएं सुनी जाती हैं और उसका हल निकाला जाता है। अपने विचार का प्रचार करने के बजाय जवाब पाने का बेहतर तरीका ढूंढना चाहिए। ऐसे विचार के प्रचार से राष्ट्रीय हित को नुकसान होता है।’
वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘राहुल बजाज गृहमंत्री अमित शाह के सामने खड़े हो सकते हैं, बिना किसी डर के अपनी बात रख सकते हैं और दूसरों को उनके साथ जुड़ने के लिए संकेत दे सकते हैं तो इसका सीधा सा मतलब है कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्य जीवित और समृद्ध हैं। यही लोकतंत्र है।’