केंद्रीय मंत्री और लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण के समीक्षा संबंधी बयान पर प्रतिक्रिया दी है। पासवान ने कहा है कि आरक्षण को लेकर विपक्ष जनता के मन में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि आरक्षण सांवैधानिक अधिकार है और यह अधिकार महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर के बीच हुए पूना पैक्ट का नतीजा है।इसलिए इसे हटाने की बातें बिल्कुल निराधार हैं।
रामविलास पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार कहा है कि दुनिया की कोई भी ताकत आरक्षण को खत्म नहीं कर सकती है। आरक्षण पर किसी तरह का कोई विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। विपक्ष ने लोकसभा के चुनाव में भी आरक्षण को मुद्दा बनाने की कोशिश की थी लेकिन उसका नतीजा उल्टा निकला।
पासवान ने आगे कहा कि आरक्षण पहले अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जातियों के लिए ही था। अब नरेंद्र मोदी की सरकार ने सवर्ण जाति के गरीबों को भी आरक्षण देने का काम किया है। इसलिए आरक्षण को लेकर अब कोई विवाद नहीं है और न ही इस पर विचार करने की कोई जरूरत है।
तेजस्वी ने संघ पर साधा निशाना
वहीं बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा है। तेजस्वी ने लिखा कि मोहन भागवत जी के बयान के बाद आपको यह साफ होना चाहिए कि क्यों हम आपको “संविधान बचाओ” और “बेरोज़गारी हटाओ,आरक्षण बढ़ाओ” के नारों के साथ आगाह कर रहे थे। उन्होंने आगे लिखा कि ‘सौहार्द्रपूर्ण माहौल’ की नौटंकी में ये आपका आरक्षण छीन लेने की योजना में काफी आगे बढ़ चुके हैं। जागो,जगाओ और अधिकार बचाने की मशाल जलाओ।
मोहन भागवत जी के बयान के बाद आपको यह साफ होना चाहिए कि क्यों हम आपको “संविधान बचाओ” और “बेरोज़गारी हटाओ,आरक्षण बढ़ाओ” के नारों के साथ आगाह कर रहे थे।’सौहार्दपूर्ण माहौल’ की नौटंकी में ये आपका आरक्षण छीन लेने की योजना में काफी आगे बढ़ चुके है।जागो,जगाओ और अधिकार बचाने की मशाल जलाओ
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 20, 2019
एक और ट्वीट में तेजस्वी यादव ने लिखा, ‘आरक्षण को लेकर RSS/BJP की मंशा ठीक नहीं है। बहस इस बात पर करिए कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80% पद खाली क्यों है? उनका प्रतिनिधित्व सांकेतिक भी नहीं है। केंद्र में एक भी सचिव OBC/EBC क्यों नहीं है? कोई कुलपति SC/ST/OBC क्यों नहीं है? करिए बहस??’
आरक्षण को लेकर RSS/BJP की मंशा ठीक नहीं है। बहस इस बात पर करिए कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80% पद ख़ाली क्यों है? उनका प्रतिनिधित्व सांकेतिक भी नहीं है। केंद्र में एक भी सचिव OBC/EBC क्यों नहीं है? कोई कुलपति SC/ST/OBC क्यों नहीं है? करिए बहस??
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 20, 2019
आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा था कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं उन लोगों के बीच इस पर सद्भावनापूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए। भागवत ने कहा था कि उन्होंने पहले भी आरक्षण पर बात की थी लेकिन इससे बहुत हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई। भागवत के बयान के बाद इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मोहन भागवत के इस बयान पर कहा कि संघ का हौसला बढ़ा हुआ है और इसके मंसूबे खतरनाक हैं।
आरक्षण पर भागवत के बयान पर प्रियंका का पलटवार, कहा- RSS का हौसला बढ़ा हुआ है और मंसूबे खतरनाक हैं