शाहीनबाग में नवजात की मौत पर वीरता पुरस्कार विजेता ने सीजेआई को लिखा पत्र

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नई दिल्ली/मुंबई, 5 फरवरी (आईएएनएस)| दिल्ली के शाहीनबाग में चार महीने के नवजात के मौत के मामले को बारह साल की जेन गुणरतन सदावर्ते ने संविधान के तहत ‘राइट टू लाइफ’ का उल्लंघन बताया है। सदावर्ते को हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिया गया है। जेन मुंबई की रहने वाली और डॉन बास्को इंटरनेशनल स्कूल माटुंगा की कक्षा सातवीं की छात्रा है। जेन ने प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे को पत्र लिखा है और बच्चों व नवजात को प्रदर्शन में भाग लेने से रोकने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की है। शाहीनबाग नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है।

चार महीने के मासूम जहान मोहम्मद को उसके माता-पिता द्वारा शाहीनबाग में प्रदर्शन के दौरान लाया गया था। जेन ने प्रधान न्यायाधीश से दिल्ली पुलिस को उसकी मौत के कारणों का उचित तरीके से जांच करने का निर्देश देने का आग्रह किया है।


जेन को इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर (आईसीसीडब्ल्यू) वीरता पुरस्कार 2019 भी मिला है। उन्होंने प्रधान न्यायाधीश को पांच पेज का पत्र लिखा है और कहा है कि इस घटना ने उन्हें एक नागरिक के तौर पर हिला दिया है।

जेन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “चार महीने के बच्चे के मामले में आर्टिकल 21 के तहत राइट टू लाइफ का उल्लंघन हुआ है। उसकी मां उसे हर दिन अपने साथ शाहीनबाग में प्रदर्शन के दौरान ले गई।”

बच्चे की मां ने कथित तौर पर कड़ी ठंड व खांसी को उसकी मौत की संभावित वजह बताई।


मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि जेन ने इस मामले में अधिकारियों से जांच की मांग की है, जिसमें माता-पिता ने दावा किया कि मृत्यु प्रमाणपत्र में मौत के कारण का उल्लेख नहीं किया गया।

जेन ने प्रधान न्यायाधीश से पुलिस व अन्य संबंधित अधिकारियों को बच्चे की मौत की पूरी जांच करने का निर्देश देने का आग्रह किया।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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