बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। इस बार स्वामी ने अपनी ही पार्टी पर कटाक्ष किया है। उन्होंने पार्टी के बढ़ते जनाधार को लोकतंत्र के लिए खतरा करार दिया है। उन्होंने बीजेपी के बढ़ते कद को लेकर कांग्रेस, टीएमसी और एनसीपी को आगाह किया है। अपनी ही पार्टी पर सवाल करते हुए उन्होंने ट्वीट पर लिखा है, गोवा और कश्मीर को देखने के बाद मुझे लगता है कि अगर हम एक ही पार्टी के रूप में बीजेपी के साथ रह गए तो देश का लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा।
आपको बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट के जरिए, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को सलाह देते हुए कहा, ‘विपक्ष, इटालियंस और संतान को पार्टी से हटने के लिए कहे। ममता इसके बाद एकजुट कांग्रेस की अध्यक्ष बनें। एनसीपी को भी कांग्रेस में विलय करना चाहिए।’ सुब्रमण्यम स्वामी का ये बयान ऐसे मौके पर आया है, जब कर्नाटक में कुमारस्वामी की जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन पर खतरा मंडरा रहा है और बीजेपी कर्नाटक में सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश करने के फिराक में है।
After witnessing Goa and Kashmir, I feel that nation’s democracy will weaken if we are left with BJP as a single party. Solution? Ask Italians & progeny to leav. Mamata can then be President of united Congi thereafter. NCP should also follow and merge.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 12, 2019
गौरतलब है कि गोवा में कांग्रेस के 10 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस के पास केवल पांच विधायक बचे हैं। इसी तरह कर्नाटक में कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों के इस्तीफे के बाद कुमार स्वामी सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कर्नाटक में अगर विधानसभा स्पीकर ने इन सभी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए तो बीजेपी के पास कर्नाटक में सत्ता हासिल करने का मौका होगा।
बता दें कि राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने बीजेपी और उसके नेताओं पर संविधान की परवाह न करने का आरोप लगाया है। कर्नाटक और गोवा में जिस तरह से राजनीतिक समीकरण बदले हैं, उसके बाद कांग्रेस ने बीजेपी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
इस संबंध में गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि बीजेपी की कार्यप्रणाली को देखकर लगता है कि बीजेपी सत्ता में सिर्फ धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और विपक्ष को खत्म करने के लिए ही सत्ता में आई है। बीजेपी का एक ही लक्ष्य है कि वह एक राजनीतिक पार्टी के रूप में सत्ता में बनी रहे। यह कहीं से भी लोकतंत्र और संविधान के अनुरूप नहीं है।