कोरोना संक्रमण के बड़े हॉटस्पॉट बनकर भारत में अधिकारियों को प्लाज्मा बैंक में प्लाज्मा के लिए शुरू में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। प्लाज्मा बैंक की शुरुआत के बाद पिछले कुछ दिनों में प्लाज्मा की मांग बढ़ गई है, लेकिन दान करने वाले लोगों की कमी है। जिस वजह से लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए तमाम कोशिश की जा रही है।
जहां लोग एक बार प्लाज्मा दान करने से हिचक रहे हैं वहीं दिल्ली में प्लाज्मा दान करने वालों की कमी के बीच जहांगीरपुरी निवासी तबरेज खान ने इंसानियत की अनूठी मिसाल पेश की है। दरअसल तबरेज कोरोना से ठीक होने के बाद अब तक छह बार प्लाज्मा दान कर कोरोना पीड़ितों की जिंदगी बचा चुके हैं।
हिंदुस्तान में छपी एक खबर के मुताबिक आज वह 7वीं बार अपना प्लाज्मा दान करेंगे। उन्होंने पांच महीने में छह बार प्लाज्मा दान कर रिकॉर्ड बनाया है। तबरेज ने बताया कि 12 मार्च को वे कोरोना पीड़ित हुए थे। इस दौरान उनकी बहन समेत परिवार के पांच सदस्य भी कोरोना की चपेट में आ गए थे। दरअसल, उनकी 48 वर्षीय बहन समा सऊदी अरब से लौटी थीं।
वे कोरोना पीड़ित निकली और उसके बाद उनके परिवार के पांच अन्य सदस्य भी कोरोना संक्रमित हो गए। दिल्ली में तब तक कोरोना के 30 मामले ही सामने आए थे। हालांकि, वह 16 दिन में कोरोना से ठीक हो गए थे। इसके बाद आईएलबीएस में जाकर उन्होंने अपना प्लाज्मा दान किया था।
तबरेज ने लोगों का डर दूर करते हुए कहा कि अब तक छह बार प्लाज्मा दान करने से उनके शरीर में कुछ भी असर नहीं हुआ है। वे न सिर्फ शारिरिक रूप से स्वस्थ हैं बल्कि प्लाज्मा देकर ज्यादा खुश भी महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि वह साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए काम करना चाहते हैं। चारों बार तबरेज का प्लाजमा अलग-अलग समुदाय के लोगों के काम आया।
हालांकि, कोरोना से ठीक होने के बाद जब तबरेज घर लौटे थे तो उन्हें काफी भेदभाव झेलना पड़ा था, लेकिन उन्होंने बार बार प्लाज्मा दान कर एक बार फिर से साबित कर दिया है कि उनका खून कोरोना के इलाज के लिए कितने काम का है। इसके साथ ही खुद भी उन्होंने दिल्ली में ठीक हुए लोगों से भी प्लाज्मा दान करने की अपील की है।