लखनऊ। दुष्कर्म के आरोप में भाजपा से निष्कासित किए जाने के करीब डेढ़ साल बाद पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) की पत्नी संगीता सेंगर (Sangeeta Sengar) को भाजपा ने आगामी पंचायत चुनावों के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। संगीता फतेहपुर चौरासी से उन्नाव जिला पंचायत का चुनाव लड़ेंगी। इससे पहले उन्होंने 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीता था। पार्टी सूत्रों ने बताया है कि उनकी उम्मीदवारी को प्रदेश के भाजपा प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह और महासचिव (संगठन) सुनील बंसल ने मंजूरी दी है।
BJP releases a list of candidates for UP Zila Panchayat polls in the state.
Sangeeta Sengar, wife of former BJP MLA Kuldeep Singh Sengar who is a convict in 2018 Unnao rape case, to also contest the polls. pic.twitter.com/yaunWUSWBZ
— ANI UP (@ANINewsUP) April 9, 2021
इसके पीछे वजह अप्रैल 2018 में कुलदीप सेंगर की गिरफ्तारी के बाद उनके परिवार को इलाके में मिली सहानुभूति है। यहां के कई लोगों का मानना है कि वह निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा फंसाया गया है। लोगों की इन्हीं भावनाओं को ध्यान में रखते हुए संगीता सेंगर को भाजपा ने मैदान में उतारा है। बता दें कि उम्रकैद की सजा पा चुके कुलदीप सेंगर की पिछले साल फरवरी में उत्तर प्रदेश विधान सभा की सदस्यता खत्म कर दी गई थी। अभी वह तिहाड़ जेल में बंद है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. आषुतोष वर्मा ने कहा, “भाजपा पिछले रास्ते से अपराधियों को बढ़ावा देना चाहती है। सेंगर की पत्नी पहले भी जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं है। उन पर एक्शन लेने के बजाय उन्हें टिकट देकर प्रोत्साहित किया गया है। भाजपा महिलाओं का सम्मान नहीं करती है। बल्कि वह जातिवादी को बढ़ावा दे रही है। कुलदीप सेंगर का इतिहास देखें तो पता चलेगा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। यह पूरी तरह से मैनेंजमेंट की सरकार है।”
गौरतलब हो कि कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव की बांगरमऊ से भाजपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। साल 2017 में उन्नाव के चर्चित दुष्कर्म कांड में कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें अगस्त 2019 में भाजपा ने पार्टी से बाहर कर दिया था और फिर बाद में उनकी विधान सभा की सदस्यता भी समाप्त कर दी गई थी। पिछले साल कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दुष्कर्म और अपहरण के मामले में दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी।