उप्र के बांदा में 18 लोग मस्जिद से निकाल एकांतवास में रखे गए

  • Follow Newsd Hindi On  

बांदा (उप्र), 23 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के अधिकारियों ने शहर की एक मस्जिद में पिछले 28 दिनों से एकांतवास (क्वारंटाइन) में रखे गए 18 लोगों को अब वहां से निकालकर कृषि विश्वविद्यालय में बने एकांतवास केंद्र में भेज दिया गया है। पुलिस ने इस मसले पर 36 घंटे की चुप्पी के बाद इन लोगों की गिरफ्तारी से इनकार किया है।

जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संतोष कुमार ने गुरुवार को कहा, “मंगलवार की रात खुटला की एक मस्जिद से निकालकर 18 स्थानीय जमातियों के एक समूह को एकांतवास में रखा गया। इनमें से 17 व्यक्तियों को कृषि विश्वविद्यालय में और दमा व उच्च रक्तचाप की शिकायत वाले एक व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज में रखा गया है। उन्हें जल्द ही घरों में ही क्वारंटीन किया जाएगा।”


उन्होंने बताया, “सभी लोग स्वस्थ्य हैं और 28 दिनों से मस्जिद में रह रहे थे। बीच-बीच में उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी हुआ है।”

सीएमओ ने कहा, “इन लोगों का तबलीगी जमात से कोई संबंध नहीं है। ये स्थानीय जमाती हैं, जो यहां जमात लगाने आए थे।”

हालांकि बांदा शहर के कोतवाल दिनेश सिंह से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “कहीं कुछ नहीं है, सब फर्जी है।”


जिले के कई बड़े अधिकारी इस विषय में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, क्योंकि ये सभी लोग प्रशासन की जानकारी में ही मस्जिद में रुके थे और 31 मार्च से लेकर अब तक कई बार स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के अधिकारी उन्हें मस्जिद से निकालकर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा चुके हैं।

खुटला मस्जिद के मौलाना मो.आरिफ ने बताया, “ये सभी लोग 21 मार्च को उरई से बांदा आए थे और पहले 22 मार्च को जनता कर्फ्यू, फिर 25 मार्च के बाद लॉकडाउन घोषित होने की वजह से कहीं नहीं जा पाए। सभी प्रशासनिक अधिकारियों की जानकारी में रुके थे।”

उन्होंने प्रशासन पर परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा, “पहली बार 31 मार्च को सिटी मजिस्ट्रेट मस्जिद आए और मेडिकल कॉलेज में जांच करवाने के बाद सभी को पुलिस की मौजूदगी में फिर मस्जिद में छोड़ गए थे।”

मौलाना ने कहा, “इसके बाद 18 अप्रैल से तो हद ही हो गई। स्वास्थ्य और पुलिस के अधिकारी रोजाना अपने साथ ले जाते और फिर कुछ घंटों के बाद मस्जिद में छोड़ जाते। मंगलवार को भी ऐसा ही हुआ, सभी को सुबह मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, फिर करीब छह बजे शाम को मस्जिद में छोड़ गए। लेकिन करीब एक घंटे बाद सात बजे फिर शहर कोतवाल मस्जिद आए और कहा कि अब इन्हें ले जाना पड़ेगा।”

मौलाना ने कहा, “कोतवाल साहब सभी को एंबुलेंस से ले गए हैं। इनमें 17 लोगों को कृषि विश्वविद्यालय में जबकि एक व्यक्ति को दमा और उच्च रक्तचाप की शिकायत पर मेडिकल कॉलेज में रखा गया है।”

वहीं, बांदा पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडिल से एक ट्वीट कर उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें कुछ समाचार चैनलों ने जमातियों की गिरफ्तारी होना बताया था। ट्वीट के जरिए कहा गया है, “मामले की जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है।”

मगर सबसे बड़ा सवाल यह कि 28 दिनों से मस्जिद में अलग रह रहे व्यक्तियों को निकालकर दूसरी जगह रखने की जरूरत क्यों पड़ी।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)