उत्तर प्रदेश का कानपुर जिला कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में दोहरे शतक की ओर बढ़ते हुए नए हॉटस्पॉट के तौर पर सामने आया है। यहां कुल कोरोना वायरस के 170 मामले हैं, इसमे से एक तिहाई मामले अकेले तीन अलग-अलग मदरसों से जुड़े हैं। यहां पढ़ने वाले 53 छात्र कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। अहम बात ये है कि इन बच्चों की उम्र 10 से 20 वर्ष के बीच की है। जिला स्वास्थ्य और प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार मदरसा के ज्यादातर छात्र तबलीगी जमात के सदस्यों की वजह से संक्रमित हुए हैं, जोकि दिल्ली के मरकज से वापस लौटे थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, मदरसा छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण कुली बाजार इलाका डेंजर जोन में आ गया है। इसमें गलती साफ तौर पर मदरसा प्रबंधन के लोगों की है। इन मदरसों में तब्लीगी जमात से जुड़े लोग आते रहते हैं। इसलिए यहां संक्रमण फैलने का खतरा सबसे अधिक रहा है। जानकारी के मुताबिक पीड़ित बच्चों में ज्यादातर बच्चे गरीब घर के हैं। साथ ही उनमें अधिक संख्या बिहार के रहने वालों की है।
कानपुर के डीएम ब्रह्मदेव तिवारी ने बताया कि जिले में कई हॉटस्पॉट हैं, बड़ी संख्या में मामले पिछले 12 दिनों में तीन मस्जिद से सामने आए हैं। संक्रमित लोगों में बहुत कम उम्र के बच्चे भी हैं। अच्छी बात ये है कि अधिकतर बच्चों में कोरोना के लक्षण नहीं हैं और वो ठीक हो रहे हैं।
प्रदेश के सर्विलांस अधिकारी विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि कुली बाजार लखनऊ के बाद प्रदेश का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट है। यहां पर 80 मामले सामने आए थे। इसमे से 50 मामले अकेले बाजार के हैं। इसके अलावा सहारनपुर में 13 लोग मदरसे में कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। कानपुर के मछरिया में भी सात मामले सामने आए हैं। हमे जानकारी मिली थी कि कुछ लोगों का तबलीगी जमात से कनेक्शन है और ये लोग इस इलाके में रह रहे थे। ये सभी बिहार से आए थे, 13 अप्रैल को ये लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके अलावा तीसरा मदरसा महमूदिया अशरफिया का है, यहां सात मामले सामने आए हैं।